उज्जैन। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता के लिए 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस घोषित किया है जो कि वर्ष 2005 से मनाया जा रहा है। शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय के डॉ प्रकाश जोशी ने बताया कि धूम्रपान वसा युक्त पदार्थों का सेवन मोटापा, वृद्धावस्था, मानसिक तनाव जैसे चिंता व्याकुलता अनुवांशिकता के कारण यह समस्या भारत में लगातार बढ़ती जा रही है यदि सिर के पीछे और गर्दन में दर्द हो, थोड़े से परिश्रम से ही थकावट लगे, नींद ना आना, चक्कर आना, सीने में दर्द की समस्या, आंखों से देखने में परिवर्तन होना, दिल का जोर जोर से धड़कना जैसे लक्षण देखें तब तत्काल अपने नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं।
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेंद्र जैन ने बताया कि यदि व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप 140mm of hg से अधिक है और डायस्टोलिक रक्तचाप 90 mm of hg (युवा अवस्था में 84 mm of hg से अधिक हो) तब उच्च रक्तचाप से ग्रसित मानना चाहिए। प्रत्येक मोटे व्यक्ति के लिए तथा मधुमेह रोगी के लिए अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांच करवाना चाहिए। उच्च रक्तचाप रोगी व्यक्ति के बच्चों, भाई परिवार के सदस्यों को अपना रक्तचाप नियमित रूप से चेक कराते रहना चाहिए ।
सावधानी -
नमक रहित भोजन
ऊपर से नमक का उपयोग ना करना
यदि संभव हो सके तब निम्न सोडियम युक्त नमक का उपयोग करें
निम्न वसायुक्त भोजन का उपयोग , अपना वजन नियंत्रित रखें, नियमित रूप से 8 घंटे की नींद ले और नियमित रूप से तेज गति से पैदल चलें व ध्यान और प्राणायाम के द्वारा शरीर को विश्रांति करें।
डॉक्टर प्रकाश जोशी, एमडी आयुर्वेद, शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय
डॉ जितेंद्र जैन, एम डी आयुर्वेद, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी
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