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ईश्वर को जब लगा कि वे जब जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां की रचना की - कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा कन्या छात्रावास में मनाया गया मदर्स डे

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के विद्योत्तमा कन्या छात्रावास में मदर्स डे मनाया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, मुख्य अतिथि रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो उमा शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने मातृ शक्ति और माँ की महिमा पर विचार व्यक्त किए। दिनांक 14 मई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा कन्या छात्रावास में मदर्स डे मनाया गया। इस अवसर की शुरुआत प्रार्थना से की गई, जिसके बाद  अतिथिगणों द्वारा जीवन में मां के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। 

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस जन्म में मातृ ऋण से मुक्त नहीं हों सकता। हमारे जीवन में मां का स्थान अनमोल होता है। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जब ईश्वर को लगा कि वे हर जगह नहीं हो सकते तब उन्होंने मां की रचना की। उसमें उन्होंने सम्मत संसार की ऊर्जा का प्रवाह किया है, और यही ऊर्जा संपूर्ण संसार के संचालन के लिए जिम्मेदार है। नारी ही किसी भी परिवार की आधारशिला होती है, अत: वही नारी माता के रूप में अपनी संतान का लालन पालन करती है एवं उसे उत्कृष्ट संस्कारों से सुशोभित करती है। इसी कारण नारी की शिक्षा एवं उसमें उत्कृष्ट संस्कारों का होना अनिवार्य है। प्रसवकाल में माता को बेहतर वातावरण मिलना चाहिए। छात्रावास की कन्याओं को संबोधित करते हुए कुलपति जी ने कहा कि यह शिक्षा ग्रहण कर रही बालिकाएं इस बात का ध्यान रखे कि वे भविष्य की माताएं हैं। अतः वे स्वयं को उसी प्रकार से तैयार करें कि आगे जाकर उन्हें परिवार का पोषण करने में कोई समस्या  न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कन्या की प्रवृत्ति पानी के समान होनी चाहिए, जो जिस बर्तन में डाला जाता है, उसी का आकार ले लेता है। उसी प्रकार बालिकाएं भी स्वयं को परिस्थिति में ढालना सीखें, ताकि वे भविष्य में मातृत्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण रख सके। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय की रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो उमा शर्मा ने कहा कि माता हमारे जीवन को आधार देती है। मां की महिमा और अहसास को जीवन में सदैव बनाए रखना चाहिए। माँ ने जो मूल्य दिए हैं उन्हें अपने जीवन में बनाए रखें। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि माँ इस धरती पर सृजनकर्ता ईश्वर का प्रतिरूप है। सर्वाधिक पुरातन प्रतीकों में मातृशक्ति का अद्वितीय स्थान रहा है। मां  जीवन की पहली गुरु होती है, अत: उसका स्थान जीवन में कोई नहीं ले सकता और इस दिवस को मनाना मातृ शक्ति को नमन का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने कहा कि माता जीवन देने के साथ सुरक्षा का अहसास देती है। बच्चों के मन में मां के प्रति सदैव स्नेह और सम्मान का भाव होना चाहिए। 

इस अवसर पर छात्रावास की वार्डन डॉ नयनतारा डामोर और सहायक वार्डन डॉ दीपा द्विवेदी उपस्थित थीं। 

कार्यक्रम का संयोजन होस्टल चीफ स्नेहा मिश्रा ने किया। संचालन चांदनी गुप्ता ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ दीपा द्विवेदी ने किया।

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