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राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक उत्पाद बनाने के लिए रणनीतिक अनुसंधान गतिविधियों, प्रोजेक्ट निर्माण तथा अनुसंधान में जुटें युवा – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 28 जुलाई को सम्पन्न 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं वनस्पति अध्ययनशाला में किया गया। 

विक्रम विश्वविद्यालय एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं वनस्पति अध्ययनशाला में किया गया। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं प्रौद्योगिकी और वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 28 जुलाई 2023 को वनस्पति एवं पर्यावरण अध्ययनशाला में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय बायोइंटरप्रीनर्शिप, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एंड टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट इन लाइफ साइंस था। इस कार्यशाला में अनेक महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं के 100 से अधिक विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने सहभागिता की। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की बाईरैक इकाई राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक उत्पाद बनाने के लिए रणनीतिक अनुसंधान गतिविधियों, प्रोजेक्ट निर्माण तथा अनुसंधान के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करती है। विद्यार्थी इसका अधिक से अधिक लाभ लेते हुए अनुसंधान कार्य में योगदान देने का प्रयास करें। कार्यक्रम में बाईरैक मिशन के डायरेक्टर डॉक्टर शुशेंद्र मुखर्जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉक्टर मुखर्जी ने अपने उद्बोधन में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को अनुसंधान कार्य हेतु प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट तैयार करने में जरूरी सावधानियों पर प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम की वक्ता डॉक्टर मालती लक्ष्मी कुमारी ने अपने व्याख्यान में अनुसंधान एवं उद्यमिता विकास के लिए वैदिक संपदा अधिकार पर प्रकाश डाला। बाईरैक के वक्ता डॉक्टर अमित कटियार ने बाईरैक से अनुसंधान कार्यों हेतु वित्तीय संभावनाओं हेतु विस्तृत जानकारी प्रदान की।

 बाईरैक  वक्ता डॉक्टर विनीता जिंदल ने पेटेंट के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉक्टर जितेंद्र कुमार मैनेजिंग डायरेक्टर ने अपना उद्बोधन ऑनलाइन मोड में दिया।

कार्यक्रम में डॉक्टर मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन ने पहुंचकर कार्यशाला की उपयोगिता बताई एवं विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को नवीन अनुसंधान कार्य करने हेतु प्रेरित किया। बाईरैक कार्यशाला में स्वागत भाषण प्रोफेसर डीएम कुमावत, डीन, जीव विज्ञान संकाय द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के उद्देश्य एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में डॉ सलिल सिंह, विभागाध्यक्ष, प्राणिकि एवम् जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा बताया गया। 

इस अवसर पर कुलानुशासक प्रोफ़ेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि बाईरैक कार्यशाला हमारे शिक्षकों एवम् विद्यार्थियों के अनुसंधान हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करने और परियोजना निर्माण में सहायक होगी। बाईरैक कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ अरविंद शुक्ला एवं डॉ शिवि भसीन ने बताया इस आयोजन के प्रति विद्यार्थियों का विशेष रुझान देखा गया और विभाग के सभी शिक्षक यह प्रयास करेंगे कि विद्यार्थियों तक बाईरैक की ई युवा स्कीम जैसी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाया जा सके।

कार्यक्रम का संचालन बीएससी ऑनर्स जैव प्रौद्योगिकी की छात्राओं हर्षिता पांडे एवं श्वेता एसबी द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम में उपस्थित सहभागियों व आमंत्रित अतिथियों का आभार डॉ जगदीश शर्मा द्वारा व्यक्त किया गया। इस कार्यशाला में डॉक्टर संदीप तिवारी, डॉ मुकेश वाणी, डॉ पराग दलाल, डॉ निहाल सिंह, डॉक्टर संतोष ठाकुर, डॉ स्मिता सोलंकी, डॉ गरिमा शर्मा, डॉ शीतल चौहान, डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी एवम् विभागीय कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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