उक्त उदगार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने वाणिज्य अध्ययनशाला में प्रबंधन के नवीन विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आपने कहा कि असफलता आपकी योग्यता का अंतिम मापदंड नहीं है, ना ही आपकी डिग्री व उच्च अंक आपकी योग्यता का एकमात्र पैमाना है अपितु वर्तमान परिस्थितियों में आगे बढ़ने के लिए विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास आवश्यक है। इस अवसर पर कार्य परिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्ति तभी संभव है जब दिन-रात 24 घंटे हमें लक्ष्य दिखने लगे। इसके लिए त्याग,तपस्या, समर्पण एवं सब्र को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। कार्यक्रम में वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र कुमार भारल ने विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने एवं भविष्य संवारने की दिशा में व्यावहारिक अनुभव को विशेष प्राथमिकता देने का आह्वान किया।इस अवसर पर परीक्षा नियन्त्रक डॉ. एम. एल. जैन एवं कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए ।
प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. कायनात तंवर, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ. अनुभा गुप्ता एवं प्रवीण शर्मा ने किया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचिका खंडेलवाल ने किया तथा आभार डॉ. नेहा माथुर ने व्यक्त किया।
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