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रसायनशास्त्र एवं जैवरसायन अध्ययनशाला में पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और हार्टफुलनेस संस्था के बीच  एमओयू  के तहत रसायनशास्त्र एवं जैवरसायन अध्ययनशाला में  आत्मबोध के लिए तनाव प्रबंधन विषय पर  पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक   22 से 26 अगस्त  तक किया गया। इस कार्यशाला में विक्रम विश्वविद्यालय के रसायन, भौतिकी और गणित विभाग के एम.एससी एवं बी.एससी. के 85 विद्यार्थियों ने सहभागिता की । 

प्रथम सत्र में श्री नवीन मिश्रा ने व्यक्तित्व की खोज का सेशन लिया जिसका लाभ बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों ने लिया।  इसी शृंखला में  श्री नवीन मिश्रा जी ने समय   प्रबंधन पर प्रभावपूर्ण व्याख्यान  दिया ।  शुद्धीकरण  की प्रक्रिया के साथ  ध्यान  करवाया गया। 

करणीय संबंध पर डॉ. नीना आर्य  ने सेशन लिया एवं मित्रता  विषय  को बहुत प्रभावी रूप  से प्रस्तुत  किया। श्री कुलदीप पाल द्वारा  प्रार्थना का महत्व, अर्थ बताते हुए ध्यान करवाया गया । "बीफ्रेन्डिंग स्ट्रेस" अर्थात तनाव के साथ मित्रता  विषय पर डॉ. स्मिता भवालकर  द्वारा प्रभावपूर्ण व्याख्यान  दिया गया, जिसका सभी प्रतिभागियों ने आनंद लिया। 

इस कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने उद्बोधन में इस तरह की कार्यशाला को विद्यार्थियों के जीवन के लिए अतिआवश्यक बताया, जिसमें विद्यार्थियों का अध्ययन के साथ-साथ सर्वांगीण विकास हो सके और अच्छे नागरिक के रूप में योगदान दे सकें। कार्यक्रम की पहल डॉ. स्मिता भवालकर द्वारा की गई, जिसको साकार रूप देने में आचार्य उमा शर्मा  विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र एवं जैवरसायन अध्ययनशाला  एवं आचार्य स्वाति दुबे विभागाध्यक्ष भौतिकी अध्ययनशाला एवं समस्त स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।  

समापन अवसर पर जीव विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ. डी.एम. कुमावत द्वारा अपने उद्बोधन में सभी छात्रों को प्रेरित किया कि उन्हें जो इस कार्यशाला में मिला है वे उसे अपने जीवन में उतारें और जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करें । अंत में हार्टफुलनेस संस्था की ओर से डॉ नीना आर्य ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति एवं आयोजन समिति और छात्रों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दर्शना मेहता एवं डॉ. अंशुमाला वाणी द्वारा किया गया।

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