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अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा के 39वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आरम्भ

उज्जैन। अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संघ, नई दिल्ली, योग केन्द्र दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा रोटरी क्लब, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान प्राकृतिक चिकित्सा के 39वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन सुप्रसिद्ध अन्तराराष्ट्रीय प्रकृतिक चिकित्सक डॉ विमल मोदी की अध्यक्षता तथा 91 वर्षीय समाजसेवी नागेन्द्र नाथ दीक्षित के मुख्य आतिथ्य एवं उज्जैन दक्षिण के विधायक पारस जैन तथा कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, रोटरी क्लब के अघ्यक्ष मुकेश जौहरी, पूर्व अध्यक्ष रवि प्रकाश लंगर थे। अध्यक्षता डॉ विमल मोदी ने की। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ विमल मोदी ने कहा कि प्रकृति के सामंजस्य में जीवन पद्धति ढालने तथा प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को बताते हुए विमर्श प्रस्तुत किया। डॉ मोदी ने अंग्रेजी, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी तथा होमियोपैथिक की मूल अवधारणा समझाते हुए, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को इन सबसे बेहतर बताया। 

कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि कोरोना महामारी ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का ही दुष्परिणाम थी। मानवता के बेहतर भविष्य के लिए जी 20 के स्लोगन के अनुरूप एक प्रकृति, एक धरती तथा एक परिवार के संकल्प को साधने की जरूरत बताई। विधायक श्री पारस जैन ने प्रकृति के साथ रहने तथा देशी रहन सहन तथा इलाज के तरोकों के महत्व को बताया। 

इस अवसर पर अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा सचिव श्री अवधेश कुमार मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उज्जैन में नैसर्गिक चिकित्सा पद्धति के केन्द्र को शुरूआत करने की इच्छा जाहिर की। साथ ही आश्वासन दिया कि यदि विक्रम विश्वविद्यालय भवन तथा स्थान उपलब्ध करा सके तो प्राकृतिक चिकित्सा के केन्द्र हेतु आवश्यक उपकरण तथा विशेषज्ञ सेवाएं भी उपलब्ध करायी जा सकती है। उद्घाटन के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, रोटरी क्लब के अघ्यक्ष मुकेश जौहरी, पूर्व अध्यक्ष रवि प्रकाश लंगर ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। अधिवेशन के अगले दिन शनिवार को प्रातः काल 5 बजे से नीलगंगा चौराहे से विक्रम विश्वविद्यालय तक रैली निकाल कर लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही मणिपुर इंफाल से पधारे बसन्त सिंह, वारंगल से पधारे प्रो गजाला रामेश्वरम, हाथरस से प्रसिद्ध गॉंधीवादी सच्चिदानन्द, रोहतक हरियाणा से शंभुनाथ, नागपुर से ओम जी मिश्रा, मेरठ से संजीव गोयल, काश्मीर से करुणा बजाज जैसे सुप्रसिद्ध अन्तरराष्ट्रीय प्राकृतिक तथा योग चिकित्सक चार तकनीकी सत्रों में अपनी बात रखेंगे। 

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ अरविन्द त्यागी, डॉ बिन्दु पवार, डॉ आलोक गोयल, डॉ. मौसमी सोलंकी तथा अनेक गणमान्य नागरिकों सहित अनेक छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। अन्त में अतिथियों के प्रति आभार दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. सत्येन्द्र किशोर मिश्र ने प्रस्तुत किया।

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