आईआई टी इंदौर में बायोमटेरियल एवं बायो इंजीनियरिंग की फैकल्टी एवं शोधार्थियों से की चर्चा एवं विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने पर भी चर्चा की
आईआई टी इंदौर का बायोमटेरियल एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा
उज्जैन: आईआई टी इंदौर के बायोमटेरियल एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने आईआई टी, इंदौर के बायोमटेरियल एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों के साथ चर्चा के उपरांत बताया कि शीघ्र ही दोनों संस्थाओं के मध्य एम ओ यू होगा, जिसके तहत विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आई आई टी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
माननीय कुलपति जी ने बताया कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग बायोलॉजी और चिकित्सा के लिए इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और समस्या-समाधान टेक्नीक का अनुप्रयोग है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग मुख्यत: उन प्रगतियों पर केंद्रित है जो सभी स्तरों पर ह्यूमन हेल्थ और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार करती है। इससे संबंधित प्रशिक्षण ग्रहण करके हमारे विद्यार्थी आर्टिफिशियल अंगों, सर्जिकल रोबोट, एडवांस्ड प्रोस्थेटिक्स, नई दवाओं के डिजाइन और विकास से संबंधित ज्ञान और कौशल की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिसका उपयोग वे समाज कल्याण के लिए कर सकते हैं।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री प्रज्वल खरे ने कहा कि आई आई टी जैसी संस्था से जुडना विक्रम विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत हर्ष का विषय होगा। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि माननीय कुलपति जी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने ऐसी कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एम ओ यू किया है जो कि विद्यार्थियों को अत्यधिक लाभान्वित करेगा।
Comments