सूचना प्रौद्योगिकी और नागरी लिपि पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
नागरी लिपि परिषद् नई दिल्ली इकाई मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय सूचना प्रौद्योगिकी और नागरी लिपि था। इस गोष्ठी में विशिष्ट वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि जो लिपि सूचना प्रौद्योगिकी के लिए उपयुक्त है वह सर्वोत्तम है और इसके सभी मानदंडों पर देवनागरी लिपि खरी उतरती है। उन्होंने कहा कि टंकण, प्रकाशन, लिप्यंतरण, अनुवाद, बेवसाइट निर्माण, ओसीआर आदि सभी क्षेत्रों में देवनागरी समर्थ लिपि के रूप में स्थापित हो गई है। इस दिशा में नई पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता के रूप में अपना मंतव्य देते हुए डॉ . हरिसिंह पाल, महामंत्री, नागरी लिपि परिषद् , नई दिल्ली ने कहा कि अब देश की पूर्वोत्तर की 9 भाषाओं के लिए भी नागरी लिपि प्रयोग की जाएगी।
डॉ. राजलक्ष्मी, चेन्नई , दक्षिण भारत प्रभारी, नागरी लिपि परिषद् ने कहा कि नागरी लिपि अब विश्वविख्यात हो रही है।
डॉ.शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, कार्यकारी अध्यक्ष , नागरी लिपि परिषद् ने कहा कि कंप्यूटर के लिए सर्वोत्तम लिपि नागरी लिपि है।
श्री बृज किशोर शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं पूर्व शिक्षा अधिकारी ने कहा कि आज विश्व स्तर पर नागरी लिपि का अधिक प्रचार- प्रसार करने की आवश्यकता है।
श्रीमती सुवर्णा जाधव, पुणे, कार्यकारी अध्यक्ष , राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- हम सबको ई मेल आईडी, हस्ताक्षर और कंप्यूटर पर अपना नाम देवनागरी लिपि में ही लिखना चाहिए।
नॉर्वे से जुड़े सुरेश चंद्र शुक्ल ने कहा कि हमें बच्चों को भी नागरी लिपि अच्छे से सिखानी चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती ज्योति तिवारी, इंदौर की सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत भाषण डॉ. अरुण सराफ , इंदौर, महासचिव मध्य प्रदेश इकाई राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने दिया। प्रस्तावना डॉ. प्रभु चौधरी , महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन ने व्यक्त की।
कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार व्यक्त डॉ.रश्मि चौबे, गाजियाबाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महिला इकाई ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. प्रेमचंद पतंजलि दिल्ली, अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद् , डॉ. निशा शर्मा, नॉर्वे से श्री सुरेश चंद्र शुक्ल, सतीश कुमार यादव, नागनाथ, शशि निगम , शशि त्यागी , शहनाज अहमद शेख , सुनीता मंडल , कोलकाता आदि सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे।
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