साहित्यिक रचनाओं की संगीतबद्ध प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया
उज्जैन। उज्जैन पुस्तक मेले की चौथी शाम साहित्यिक रचनाओं की सांगीतिक प्रस्तुतियों के नाम रही। इस शाम पंडित शैलेंद्र भट्ट के निर्देशन में भक्ति काल के प्रमुख कवियों तुलसीदास, कबीर , मीरा, गुरुनानक, रहीम, ब्रह्मानन्द की वाणी, भजन एवं दोहे से माहौल भक्तिमय हो गया।
इसके पहले संस्कृति सुमन सौरभ के अंतर्गत डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन के गीतों की सुमधुर प्रस्तुति की गई। इनमें प्रमुखता से यह दिन बार बार आए, मैं शिप्रा सा सरल तरल बहता हूं, तूफानों की और घुमा दो नाविक निज पतवार आदि गीतों को प्रस्तुत किया गया। मुख्य गायक पंडित अजय मेहता थे। तबले पर पं शैलेन्द्र भट्ट ने प्रभावी संगत की। सह गायकों में डा. तृप्ति नागर, शिखा नायडू, नीता कावलकर, करुणा सिसौदिया, मीना खत्री, अनामिका सोनी, दीपक सोनी, प्रतीक सोनवलकर थे। सितार पर दिलीप फड़के, वायलिन पर श्री अब्दुल हमीद लतीफ ने, बांसुरी पर यशवंत बड़गोतिया, ढोलक पर कमल शिवालिया एवं तबले पर विवेक धवन ने संगत की।
कलाकारों का स्वागत विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक डाॅ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, एनबीटी के उपनिदेशक श्री मयंक सुरोलिया एवं आकांक्षा ने किया। संचालन डॉ पांखुरी जोशी ने किया।
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