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शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर षोडश कलायुक्त चन्द्रमा की अमृत वर्षा के प्रभाव में होती है दमा रोग की चिकित्सा, इस वर्ष 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण के कारण शिविर स्थगित

उज्जैन। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में होती हैअमृत वर्षा। इसी के साथ दमा रोग की चिकित्सा की जाती है। इंदिरा नगर सहयोगी मित्र मंडल एवं डॉ. प्रकाश जोशी के सौजन्य से शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर दमा रोगियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन पिछले 27 वर्षों से किया जाता रहा है।  इस वर्ष 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है किंतु उसी दिन पूर्ण चंद्रग्रहण होने के कारण इस वर्ष शिविर को स्थगित किया जा रहा है।

अतः लाभार्थियों से निवेदन है इस वर्ष 28 अक्टूबर को इंद्र नगर उज्जैन डॉ जोशी के निवास पर शिविर के उद्देश्य से न पहुंचें।शिविर संयोजक डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया हर वर्ष आयोजित किए जाने वाले चिकित्सा शिविर की विशेषता है रोगी को रात भर शिविर स्थल पर रात्रि जागरण अनिवार्य होता है। बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा रात्रि 8 बजे से सुंदर काण्ड पारायण आयोजित किया जाता है। प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे औषधि युक्त खीर का वितरण किया जाता है। औषधि खीर पाचन के लिए १०० से ५०० मीटर पैदल चलना अनिवार्य होता  है। तत्पश्चात प्रात: 6 बजे से कर्ण वेधन चिकित्सा प्रारंभ की जाती है। कर्ण वेधन के पश्चात भूख लगने पर एक दिन मूली के पत्तों की सब्जी और रोटी खाना अनिवार्य है तथा १५ दिन तक मूंग की दाल रोटी लेना अनिवार्य होता  है। गुड़, तेल, खटाई का परहेज तीन माह तक करें। आयुर्वेद का मूल सिद्धांत स्वस्थ पुरुष के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी पुरुष के रोग को दूर करना है।इस शिविर में अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं अन्य प्रदेश के रोगी चिकित्सा सेवा का लाभ ले चुके हैं।

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