उज्जैन। भौतिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय में देश में सर्वप्रथम स्थापित साईबर वेलनेस सेल के तत्वावधान में 'रिस्पांसिबल नेटिज्म', अहान फाउंडेशन, मुम्बई के सहयोग से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 26 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इस दौरान साईबर सेफ विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में विद्यार्थियों को साईबर सेफ्टी एंबेसेडर बनाया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय उपस्थित रहे। उन्होंने सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के दुष्परिणामों पर अपने विचार प्रकट किए।
मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री शिल्पा चांदोलिकर और सुश्री सोनाली पाटनकर ने इंटरनेट की दुनिया के जरिए हो रहे साइबर क्राइम के बारे में छात्रों को अवगत कराया। सुश्री सोनाली ने साइबर वायलेंस, पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण आदि तरह के इंटरनेट के द्वारा होने वाले क्राइम के बारे में अवगत करवाया।
सुश्री शिल्पा ने साइबर स्पेस क्राइम के अंतर्गत हैकिंग , ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग में होने वाले वित्तीय जोखिम के बारे मे भी जानकारी दी।
इसके पश्चात श्री उन्मेष जोशी जी ने कानूनी निहितार्थ के बारे में जानकारी दी । उन्होंने साईबर क्राईम संबधी कानूनी कार्यवाही एवं दंड नियमों के बारे में अवगत करवाया।
कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. स्वाति दुबे, डॉ. निश्चल यादव, डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ.प्रिया दुबे, डॉ. अपूर्वा मुले, डॉ. कमल जैन उपस्थित रहे। साथ ही रसायन विज्ञान अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. उमा शर्मा भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन गौरी सिंह चौहान द्वारा किया गया।
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