Skip to main content

नवरात्रि पर्व है वैज्ञानिकता का प्रतिमान और बेटी बचाओ आंदोलन का शाश्वत प्रतीक - डॉ.शर्मा

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ प्रो शर्मा का सारस्वत सम्मान 


राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में संस्था के राष्ट्रीय संरक्षक एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा के जन्मदिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन एवं उनका सारस्वत सम्मान किया गया। संगोष्ठी का विषय नवरात्रि पर्व के सांस्कृतिक और सामाजिक सरोकार था। 

कार्यक्रम में डॉ.शैलेंद्र कुमार शर्मा, हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि नवरात्रि पर्व का सामाजिक, आध्यात्मिक और मानसिक सभी दृष्टियों से महत्व है। यह पर्व  वैज्ञानिकता का प्रतिमान है। आसुरी प्रवृत्ति पर विजय का पर्व है नवरात्रि। विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों एवं औषधियों के माध्यम से यज्ञ द्वारा वातावरण को परिशुद्ध किया जाता है। यह पर्व व्यसनों से मुक्ति का सन्देश देता है। 

संस्था के राष्ट्रीय मुख्य संयोजक डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख,  कार्यकारी अध्यक्ष,  नागरी लिपि परिषद्, पुणे ने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए त्यौहार और उत्सवों को मनाते हैं। इनसे  समाज में भाईचारा कायम रहता है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए श्री बी के शर्मा, पूर्व वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी, एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज विश्व में शक्ति का तांडव चल रहा है। हम नवरात्रि में साधना करके विश्व में शांति और आनन्द का अनुरोध करते हैं।

मुख्य वक्ता एवं मार्गदर्शक डॉ. हरि सिंह पाल , महामंत्री,  नागरी लिपि परिषद , दिल्ली ने कहा कि विश्व में अलग-अलग शक्तिपीठ राष्ट्रीय एकता की भावना को बलवती करते हैं।

श्री पदमचंद गांधी ने कहा आज उत्सवों को उथली उपभोक्तावादी दृष्टि से बचाने की जरूरत है।

संगोष्ठी के शुभारंभ में डॉ. प्रभु चौधरी , महासचिव , राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने प्रस्तावना में कहा कि गायत्री महामंत्र के द्वारा यज्ञ करने से विश्व बंधुत्व की आकांक्षा से अच्छाइयों का संवर्धन एवं बुराइयों का उन्मूलन होता है।  नवरात्रि में मां की आराधना करने से मानसिक शक्ति एवं आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। माँ ने अनेक रूप धारण करके समाज में व्याप्त  बुराई और राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का नाश किया।

विशिष्ट वक्ता डॉ. शहनाज शेख राष्ट्रीय उप महासचिव नांदेड़ ने कहा कि मां सभी जीव जंतुओं में चेतना के रूप में स्थित है। नवरात्रि ऋतु परिवर्तन का शुभ योग बनाती है।

श्री हरे राम वाजपेयी,  अध्यक्ष हिंदी परिवार, इंदौर ने कहा कि प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा का नाम विश्व भर में छाए, ऐसी कामना है।

श्रीमती सुवर्णा जाधव , कार्यकारी अध्यक्ष , राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

विशिष्ट वक्ता डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक,  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,  ने कहा कि  रतनपुर छत्तीसगढ़ का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। भारत में अनेक मन्दिर दर्शनीय स्थल हैं।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. रश्मि चौबे,  गाजियाबाद,  कार्यकारी अध्यक्ष,  महिला इकाई ने किया। प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा के जन्म दिवस के अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा उनका सारस्वत सम्मान किया गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.अरुण सराफ, इंदौर, मध्य प्रदेश, महासचिव राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत भाषण डॉ. अरुणा शुक्ला, नांदेड़, राष्ट्रीय संयोजक ने किया एवं मां दुर्गा की स्तुति में गीत डा अनिता गोतम आगरा ने प्रस्तुत किया। आभार डॉ भावना सिंह मेरठ ने माना। कार्यक्रम में सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक ओसलो नॉर्वे से, श्रीमती पूजा भारद्वाज, गाजियाबाद, रमा शर्मा, जापान, डॉ भावना सांवलिया राजकोट रजनी प्रभा पटना, सन्ध्या सिंह पुणे, डॉ निशा शर्मा बरेली, सुश्री बबीता मिश्रा सारंगपुर, शैली भागवत इंदौर, श्रीमती उपमा आर्य, लखनऊ, श्रीमती वंदना श्रीवास्तव, दिल्ली आदि अन्य अनेक विद्वानों ने विचार व्यक्त किए।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar