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विधायिका एवं महालेखाकार के कार्य संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन परस्पर अनुपूरक हैं – प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा


राज्य स्तरीय ऑडिट सप्ताह प्रारंभ

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏

भोपाल, सोमवार, 20 नवम्बर, 2023 । महालेखाकार मध्य प्रदेश द्वारा 20 से 24 नवंबर, 2023 तक आयोजित ऑडिट सप्ताह का आज शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश विधान सभा द्वारा महालेखा परीक्षक एवं महालेखाकार के विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया।

इस अवसर पर श्री ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश विधान सभा के द्वारा मध्य प्रदेश एकाउन्टेंट जनरल (ऑडिट) ऑफिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उल्लेख किया कि, संसदीय प्रणाली का आधार निर्वाचित विधायिका के प्रति शासन चलाने वाली कार्यपालिका का उत्तरदायी होना है। कार्यपालिका का यह उत्तरदायित्व (Accountability) सभा के सदस्यों द्वारा विधायी प्रक्रिया के तहत विधान सभा के सत्र के समय प्रश्न, ध्यानाकर्षण, बजट की मांगो पर चर्चा आदि के माध्यम से शासन की नीतियों और कार्यक्रमों का विश्लेवषण कर सुनिश्चित किया जाता है। परन्तु विधान सभा का सत्र न होने पर यही कार्यपालिका की एकाउन्टबिलिटी के निर्धारण का कार्य विधान सभा की समितियों द्वारा किया जाता है। इन समितियों में विशेष रूप से वित्तीय समितियां, जैसे लोक लेखा समिति, सार्वजनिक उपक्रमों संबंधी समिति, पंचायती राज लेखा समिति आदि के परीक्षण के कार्य में महालेखाकार एवं उनके कार्यालय द्वारा सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 151 अंतर्गत विधान सभा के पटल पर रखे गये महालेखाकार के प्रतिवेदनों को वित्तीय समितियों के परीक्षण के लिये संदर्भित किया जाता है, यह समितियां शासन के विभागों से बजट के माध्यम से दी गई राशि का सही ढंग से उपयोग करने की स्थिति का परीक्षण महालेखाकार के अधिकारियों के द्वारा तैयार किये गये प्रतिवेदन के आक्षेपों के आधार पर किया जाता है। वैसे भी शासन प्रणाली के तीनों अंगों की भांति संविधान के अनुच्छेद 148 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के संबंध में प्रावधान किया गया है। इसी के अधीन महालेखा परीक्षक मध्यप्रदेश का कार्यालय कार्यरत है। इस तरह विधायिका की समितियों के कार्य में महालेखाकार एवं उनके कार्यालय की भूमिका संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन हेतु परस्पर अनुपूरक एवं महत्वपूर्ण है।

प्रमुख सचिव श्री सिंह ने कहा कि, विधायिका एवं उसकी समितियों तथा महालेखाकार के ऑडिट दोनों का ही उद्देश्य शासन व्यवस्था में पारदर्शिता, एकाउण्टेबिलिटी एवं गुड-गवर्नेंस को प्रमोट करने के लिये रचनात्मक सुझाव देने की रहती है।  श्री ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश विधान सभा ने आशा व्यक्त की हैं कि, 20 नवम्बर, 2023 से प्रारंभ हो रहे 'ऑडिट सप्ताह'  में विभिन्न सामयिक एवं उपयोगी विषयों पर चर्चा में परस्पर ज्ञान एवं अनुभवों का आदान प्रदान किया जायेगा तथा जनसरोकार के विषयों पर विचार किया जायेगा, इससे महालेखाकार एवं उनकी टीम नई ऊर्जा के साथ अपने दायित्वों का गुणवत्ता से निर्वहन करने में सक्षम हो सकेगी।

 इसके पूर्व मुख्य महालेखा परीक्षक सुश्री प्रिया पारेख जी द्वारा अपने स्वागत उद्बोधन में जानकारी दी गई कि,  16 नवम्बर, 2023 को ऑडिट दिवस का शुभारंभ राष्ट्रपति महोदय द्वारा दिल्ली में किया गया था। तदुपरांत यह ऑडिट सप्ताह मध्यप्रदेश के महालेखाकार एवं संबद्ध कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये आयोजित किया गया है। इसमें अनेक विषयों पर विशेषज्ञों के साथ पैनल डिस्कशन,  क्वीज़ प्रतियोगिता एवं पर्यावरण के संबंध में परिचर्चा तथा अन्य जन सरोकार के मुद्दों को लिया जायेगा। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इसमें उत्साह से भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर महालेखा परीक्षक के अतिरिक्त श्री सुनील शर्मा, वरिष्ठ उप लेखापरीक्षक, श्री अजय यशवंत, उप लेखा परीक्षक, श्री केबीन थॉमस, उप लेखा परीक्षक, सुश्री स्मिता सक्सेना जी, वरिष्ठ लेखा अधिकारी श्री संजय सक्सेना एवं अन्य ऑडिट एवं एकाउंट कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारी  बड़ी संख्या  में उपस्थित थे।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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