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व्यक्ति को सदैव अपनी जड़ से जुड़ा रहना चाहिए और आवश्यकता होने पर कोई भी कार्य करने को तैयार रहना चाहिए- कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय


उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने माधव भवन में जल एवं पौधों को संरक्षित रखने का एक सुन्दर उदाहरण सामने रखा।

विगत तीन वर्षों से प्रायः देखा गया है कि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय एवं विश्वविद्यालय के कई  शिक्षक प्रातः कालीन भ्रमण के दौरान उपलब्ध अतिरिक्त जल से पौधों की सिंचाई करते हुए देखे जा सकते हैं।  गौरतलब, है कि माधव भवन प्रशासनिक परिक्षेत्र जैव विविधता के दृष्टिकोण से समृद्ध है और इसीलिए इस परिक्षेत्र में उपलब्ध पुष्प एवं मशरूम का उपयोग करके प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने कई उत्पाद बनाए हैं। 

जल एवं पौधों के संरक्षण के उद्देश्य से माधव भवन के मुख्य द्वार पर बह रहे जल को पौधों तक सिंचाई के उद्देश्य से पहुंचाने के लिए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने स्वयं गेती- फावड़े का उपयोग कर नाली का निर्माण किया, जिसके बाद उन्होंने वहाँ उपस्थित विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं प्रातः कालीन भ्रमण पर आए विद्यार्थियों को समझाया कि जल संरक्षण अगर सही तरीके से किया जाए तो घर और बागों के पौधों को आसानी से सिंचित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सिर्फ पौधा लगाना ही महत्वपूर्ण नहीं बल्कि उसे समय-समय पर पानी और खाद देना भी आवश्यक है, तभी पौधे बड़े होंगे। साथ ही माननीय कुलपति जी विद्यार्थियों को कई ऐसे तरीके बताए जिससे जल संरक्षण कर व्यर्थ हो रहे पानी से पौधों को सिंचित किया जा सकता है और अगर इन पौधों को साथ ही सही मात्रा में खाद भी दी जाए तो पौधों की विकास दर अधिक बढ़ जाती है। 

माननीय कुलपति जी ने स्वयं गेती, फावड़ा चला नाली का निर्माण करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि व्यक्ति को सदैव अपनी जड़ से जुड़ा होना चाहिए और आवश्कता पढ़ने पर कोई भी कार्य करने को तैयार रहना चाहिए। इस अवसर पर कुलपति जी के साथ विक्रम विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव श्री रवि शंकर सोनवाल, प्रणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक डॉक्टर अरविंद शुक्ला एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित थे। 

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कुलपति जी स्वयं पर्यावरण विशेषज्ञ और वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर हैं। इसलिए पौधों के देखभाल, संवर्धन आदि का उन्हें अच्छा ज्ञान है, जिससे कि विद्यार्थियों को लाभान्वित होते रहना चाहिए।

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