आभासी संगोष्ठी में महामंत्री का आव्हान
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं नागरी लिपि परिषद् दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित आभासीय गोष्ठी जिसका विषय- नागरी लिपि की वैज्ञानिकता और लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल रहा इस गोष्ठी में डॉ. हरिसिंह पाल , महामंत्री, नागरी लिपि परिषद्, दिल्ली ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना मंतव्य देते हुए कहा- लिपि विहीन भाषाओं को लिखकर उनका संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ.शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र,कार्यकारी अध्यक्ष नागरी लिपि परिषद् ने कहा-नागरी लिपि में जो बोलते हैं वैसा ही लिखते हैं और जो लिखते हैं वैसा ही पढ़ते हैं।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा , हिंदी विभागाध्यक्ष, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा- राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने के लिए देवनागरी लिपि की आवश्यकता है। लोह पुरुष के अंतःकरण में त्याग और सेवा की भावना रही।
विशिष्ट अतिथि श्री बी के शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं,पूर्व शिक्षा अधिकारी ने कहा - सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति को स्टैचू ऑफ यूनिटी कहा जाता है। हमारे ग्रंथों में बीज मंत्र हैं उनको आकृति और ध्वनियों के अनुसार अध्ययन नागरी लिपि परिषद् द्वारा किया जाना चाहिए।
विशिष्ट वक्ता डॉ.प्रभु चौधरी महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा - सरदार वल्लभभाई पटेल एक लोकप्रिय नेता थे। जिन्होंने अपने प्रभाव से अनेक रियासतों को भारत में मिलाया था ।। विशेष अतिथि
डॉ. मुक्त कान्हा कौशिक , राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- स्वतंत्र राष्ट्र को एकीकरण करने में पटेल जी ने उत्तम भूमिका निभाई। आपका जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है।।।
डॉ. रश्मि चौबे , कार्यकारी अध्यक्ष महिला इकाई ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. संगीता पाल , राष्ट्रीय उप महासचिव , गुजरात की सरस्वती वंदना से हुई, स्वागत भाषण राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ .अशोक कुमार भार्गव, आई ए एस, भोपाल ने दिया। प्रस्तावना डॉ. शहनाज शेख, राष्ट्रीय उप महासचिव , नांदेड़, महाराष्ट्र प्रस्तावित की और आभार राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अरुणा शुक्ला ने माना । कार्यक्रम में डॉ. सुनीता मंडल, डॉ भावना सिंह मेरठ सीमा सिंघल सोनू मिश्रा , शशि त्यागी, आशीष रंजन, ज्योति तिवारी, इंदौर, सीमा श्रीवास्तव रजनी प्रभा श्वेता मिश्र आदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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