भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने कहा कि कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता एवं मानकों के महत्त्व को प्रदर्शित करने और उन्हें अपने भविष्य के किसी भी प्रयास में वास्तविक जीवन की परिस्थितियों का साहसपूर्वक सामना करने में सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
इस कार्यशाला में उन्होंने आगे कहा कि ज्ञान से उत्पाद की और जायें। विद्यार्थियों को शिक्षक जिन सिद्धान्तों, नियमों से जागरूक करते थे अब आवश्यकता है की उन सभी सिद्धान्तों, नियमों को उत्पाद में बदला जाए ताकि विद्यार्थियों और आम जनमानस को फायदा हो सके। अब समय आ गया है कि हम रोजगारपरक से व्यावसायिकपरक की दिशा में विद्यार्थियों को ले जाएं। पिछले तीन वर्षों में ढेर सारे स्टार्टअप्स शुरू हुये जिनमें से 117 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बने। इसलिए अब आवश्यक है कि हमारी शिक्षा व्यवसायिकपरक हो। यही सही समय है कि हम स्टैंडर्ड्स तथा सर्टिफिकेशन पर कार्य करें। हमे क्वालिटी एसयूरेन्स, एस्थेटिक्स, अर्गोनोमिक्स एवं यूजर वर्दीनेस जैसे विषयों का चयन करना होगा जो कॉमन फ़ॉर आल हों।
इस कार्यशाला में बीआईएस भोपाल के निदेशक श्री पी.एस. मंडल ने बीआईएस के इकोसिस्टम एवं मानकीकरण की प्रक्रिया से सभी को अवगत कराया। इस कार्यक्रम में दिल्ली से जॉइंट डायरेक्टर श्रीमती निताशा मैडम ने मानकीकरण निर्माण में अनुसंधान और विकास परियोजना की भूमिका के बारे में बताया। बीआईएस भोपाल से श्री विपिन भास्कर एवं फालेंद्र कुमार ने बीआईएस के महत्व पर चर्चा की। इस कार्यशाला में एनआईटीटीटीआर के संकायगण एवं अधिकारीयों ने भाग लिया।
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