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शहीदों के बलिदान को नमन करना और उनके योगदान को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना विश्वविद्यालयों का प्रथम दायित्व - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

 एनएसएस द्वारा युवाओं के मध्य मनाया गया पराक्रम दिवस 

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय और डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा पराक्रम दिवस मनाया गया। नेता जी सुभाषचंद्र बोस भारत के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होंने भारत की आजादी के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया और साथ ही आजाद हिन्द फौज की स्थापना की। नेताजी द्वारा देश की आजादी के लिए किये गए अभूतपूर्व योगदान के लिए और उनको नमन करने के लिए प्रतिवर्ष 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई में बनी आजाद हिंद फौज का एक ही मिशन था देश के दुश्मनों के साथ युद्ध और स्वाधीनता प्राप्ति। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म दिनांक 23 जनवरी 1897 को कटक ओडिसा में हुआ। इस अवसर विक्रम विश्वविद्यालय और डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विद्यार्थियो द्वारा नेताजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सागर विश्वविद्यालय परिसर में एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चर्चा में भाग लेते हुए डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉक्टर संजय शर्मा एवं विक्रम विश्वविद्यालय की एन एस एस इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर शिवी भसीन एवं शिक्षक डॉक्टर पूर्णिमा त्रिपाठी ने बताया कि नेताजी की जयंती मानने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम आत्मनिर्भरता, अनुशासन और अटूट दृढ़ संकल्प के उनके मूल्यों को अपनाकर नेताजी की विरासत को जीवित रखें और प्रगति की ओर अग्रसर भारत के लिए नेताजी की साहसिक दृष्टि से युवाओं को परिचित और प्रोत्साहित करते हुए हम बड़े सपने देखें और उज्ज्वल कल के लिए प्रयासरत रहें।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि शहीदों के बलिदान को नमन करना और उनके योगदान को अगली पीढ़ी तक पहुंचना ही विश्वविद्यालयों का प्रथम दायित्व है। अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अतीत और अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित करवाना अत्यंत आवश्यक है, तभी उन्हें अपनी विरासत पर गर्व होगा। उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे और कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करेंगे ताकि इसे महत्वपूर्ण दिवस की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके। 

विक्रम विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉक्टर विजय वर्मा, विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन विश्वविद्यालय के विद्यार्थियो के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालय के एन एस एस के स्वयंसेवक उपस्थित थे।

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