भारत की एकता, अखंडता, सांस्कृतिक धरोहर और एकजुटता के प्रतीक हैं गीत संगीत, युवाओं में भारतीयता के भाव को और प्रबल करते हैं -कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय
गणतंत्र दिवस के पूर्व दिवस पर आईसीसीआर नई दिल्ली के सौजन्य से हुई सांगीतिक प्रस्तुति
रावी का संकल्प: सांस्कृतिक स्वराज कार्यक्रम हुआ 25 जनवरी 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय में, स्वर्ण जयंती सभागार में हुईं राष्ट्रभक्तिपूर्ण गीत, संगीत की प्रस्तुतियां
उज्जैन। गणतन्त्र दिवस की पूर्व सन्ध्या पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली के सौजन्य से आमन्त्रित कलाकार अंजुल शर्मा एवं समूह द्वारा देशभक्ति एवं भक्ति गीतों की सांगीतिक प्रस्तुति की गई। रावी का संकल्प: सांस्कृतिक स्वराज कार्यक्रम के उपलक्ष्य में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के समस्त छात्रावासों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। गणतंत्र दिवस के पूर्व दिवस पर दिनांक 25 जनवरी 2024 को दोपहर 03:00 बजे स्वर्ण जयंती सभागार, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रभक्तिपूर्ण गीत, संगीत की प्रस्तुतियां की गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा थे। कार्यक्रम में विद्योत्तमा छात्रावास, रमाबाई अंबेडकर छात्रावास, शालिग्राम तोमर छात्रावास, कालिदास छात्रावास, सांदीपनि छात्रावास आदि के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की गई।
स्वर्ण जयंती सभागृह में रावी का संकल्प कार्यक्रम का आयोजन पूरे हर्ष और उल्लास के साथ किया गया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विभिन्न प्रदेशों के विद्यार्थियो द्वारा अलग-अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि रावी का संकल्प भारत की आजादी से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियो को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों द्वारा लिए गए संकल्प और बलिदानों से परिचित कराना है। अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि जिस प्रकार भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने रावी नदी के किनारे खेड़े होकर पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया था, और उसे पाया भी, ठीक उसी प्रकार से हमारे विद्यार्थियों को भी दृढ़ संकल्पित होकर अपने लक्ष्य को साधना चाहिए, सफलता स्वयं उन्हें खोज लेगी। कुलपति जी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम भारत की एकता, अखंडता, सांस्कृतिक धरोहर और एकजुटता के प्रतीक हैं। अतः यह हममें भारतीयता के भाव को और प्रबल करते हैं।
प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्रुति शर्मा ने किया। विविधरंगी प्रस्तुतियों का संयोजन माधवी शर्मा, प्रियल राजवैद्य, गुरप्रीत कौर एवं कात्या मिश्रा के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में अनेक सुधीजन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, शोधकर्ता और विद्यार्थी ने सहभागिता की।
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