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समुचित शिक्षा नीति क्रियान्वयन के लिए विश्वसनीय शैक्षणिक आंकड़ों की आवश्यकता होती है - डॉ. पाजनकर

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ विशिष्ट व्याख्यान

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की सांख्यिकी अध्ययनशाला में शैक्षणिक सर्वेक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया इस विषय पर व्याख्यान राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद,  नई दिल्ली से आए डॉ. विशाल पाजनकर ने दिया डॉ.  पाजनकर ने कहा कि शैक्षणिक नीति के क्रियान्वयन का आधार शैक्षणिक आंकड़े होते हैं और विश्वसनीय आंकड़ों के आधार पर ही शैक्षणिक नीति का निर्माण किया जाता है। शैक्षणिक आंकड़ों के महत्व को बताते हुए उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा किए गए सातवें एवं आठवे ऑल इंडिया स्कूल एजुकेशन सर्वे की चर्चा की। उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले शोध एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य करना चाहता है तो एनसीईआरटी,  नई दिल्ली में रिसर्च प्रपोजल जमा कर सकते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य करने के लिए फंड भी मिल सकता है। इस कार्यक्रम के सूत्रधार सांख्यिकी अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ राजेश टेलर रहे।  आभार डॉ. पुष्पेंद्र घोष ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर डॉ. राजेश परमार,  डॉ. अनीता यादव डॉ. मोनू विश्वकर्मा, डॉ. प्रभु दयाल पवार,  डॉ. उमा पाटीदार, डॉ. रीना परमार एवं डॉ. शोभा मालवीय सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।

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