विक्रमोत्सव 2024 के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय में होंगी विक्रमादित्य पर केंद्रित संगोष्ठी, व्याख्यान एवं परिचर्चा
विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में होगा विक्रमादित्य के योगदान और युग परिवेश पर मंथन
उज्जैन। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ स्वराज संस्थान संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव 2024 के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं और संस्थानों में दिनांक 1 मार्च से 12 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य के योगदान और उनके युग परिवेश से संबंधित विभिन्न विषयों पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान, संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। इन व्याख्यानमालाओं एवं संगोष्ठियों के माध्यम से सम्राट विक्रमादित्य की न्याय व्यवस्था, विक्रमादित्य युगीन अर्थव्यवस्था, संस्कृति, पुरातत्व, लोकाख्यान, विज्ञान और तकनीकी, ज्योतिर्विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, राजत्व, साहित्य, आदि से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञ विद्वान प्रकाश डालेंगे। ये कार्यक्रम प्रतिदिन दोपहर 12 बजे आयोजित किए जा रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए मुख्य समन्वयक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि 1 मार्च से 9 अप्रैल तक विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में संगोष्ठी, व्याख्यान एवं परिचर्चाएँ सम्पन्न होंगी।
प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला में 1 मार्च को विक्रमादित्य से जुड़े इतिहास एवं पुरातात्विक संदर्भों पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 2 मार्च को हिंदी अध्ययनशाला में लोकाख्यान में में सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 4 मार्च को स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विक्रमादित्ययुगीन विज्ञान एवं तकनीकी, 5 मार्च को संस्कृत, वेद एवं ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला में विक्रमादित्य काल में ज्योतिष परंपरा का विकास, 6 मार्च को अर्थशास्त्र अध्ययनशाला में विक्रमादित्यकालीन आर्थिक स्थिति, 7 मार्च को कृषि अध्ययनशाला में विक्रमादित्ययुगीन कृषि व्यवस्थाएं, 8 मार्च को विधि अध्ययनशाला में विक्रमादित्य की न्याय व्यवस्था, 9 मार्च को संस्कृत, वेद एवं ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला में विक्रमादित्य काल में संस्कृत साहित्य का विकास, 11 मार्च को राजनीति विज्ञान, लोकप्रशासन एवं मानव अधिकार अध्ययनशाला में विक्रमादित्य काल में राजत्व सिद्धांत, 12 मार्च को वनस्पति शास्त्र एवं पर्यावरण विज्ञान संस्थान में विक्रमादित्य कालीन पर्यावरण चिंतन पर केंद्रित संगोष्ठी का आयोजन होगा। इस आयोजन के सुचारु संयोजन के लिए विभिन्न विभागों के संयोजकगण बनाए गए हैं।
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