विकसित भारत 2047: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ: भाषा, साहित्य, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी, श्रेष्ठ प्राध्यापक एवं अध्येता अवार्ड समारोह होगा
उज्जैन। अक्षरवार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका एवं संस्था कृष्ण बसंती द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25 फ़रवरी 2024, रविवार को प्रातः 11 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के माधव भवन स्थित शलाका दीर्घा सभागार में अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन होगा। यह संगोष्ठी विकसित भारत 2047: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ: भाषा, साहित्य, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य पर केंद्रित होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे। मुख्य अतिथि महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सी जी विजयकुमार मेनन एवं सारस्वत अतिथि मुम्बई विश्वविद्यालय मुम्बई के आचार्य एवं समालोचक डॉ करुणाशंकर उपाध्याय होंगे।
संगोष्ठी के मुख्य समन्वयक द्वय विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं अक्षरवार्ता के सम्पादक डॉ. मोहन बैरागी ने बताया कि इस अवसर पर देश दुनिया के अनेक विशेषज्ञ एवं अध्येता भाग लेने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। कार्यक्रम में फिलाडेल्फिया यूएसए की डॉ मीरासिंह, ओस्लो नॉर्वे के श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक, मॉरीशस से डॉ विनोद बाला अरुण आदि सहित अनेक विद्वानों के व्याख्यान होंगे।
आयोजन में पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित को अंतरराष्ट्रीय अक्षरवार्ता शिखर सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। देश के विभिन्न भागों के श्रेष्ठ प्राध्यापक एवं शोध अध्येता अक्षरवार्ता अवार्ड से सम्मानित किए जाएंगे। इस संगोष्ठी के विषय से संबंधित विभिन्न ज्ञानानुशासनों से सम्बद्ध शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह के साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन 25 फरवरी को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के माधव भवन स्थित शलाका दीर्घा सभागार, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में होगा। समन्वयक प्रो शर्मा एवं डॉ बैरागी ने प्रबुद्धजनों, शिक्षकों, गणमान्य नागरिकों और शोधकर्ताओं से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सम्मिलित होने का अनुरोध किया है।
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