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भारतीय शिक्षण प्रणाली हमेशा से स्कील और कौशल आधारित रही है

पीएम उषा योजना का उद्देश्य राज्यों को उनकी उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना है -मंत्री श्री परमार

प्रधानमंत्री द्वारा पीएम उषा योजना के अन्तर्गत शिक्षण संस्थानों को 3600 करोड़ रु. के अनुदान की घोषणा

विक्रम विश्वविद्यालय को 100 करोड़ का अनुदान स्वीकृत हुआ

उज्जैन 20 फरवरी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदरसिंह परमार मंगलवार को विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा जम्मू में आयोजित राज्यों के शिक्षण संस्थानों को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान पीएम उषा योजना के तहत 78 परियोजनाओं के लिये 3600 करोड़ रुपये से अधिक की घोषणा के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण स्क्रीन के माध्यम से अतिथियों द्वारा देखा गया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री विवेक जोशी, श्री ओम जैन, श्री राकेश पण्ड्या एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह और पुष्पगुच्छ भेंटकर किया। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। कुलपति प्रो.पाण्डेय ने स्वागत भाषण दिया और उषा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुख्य अतिथि मंत्री श्री परमार ने इस अवसर पर कहा कि भारत की शिक्षा स्कील आधारित रही है। अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में भारतीय गुरूकुल पद्धति को तोड़ने के लिये कई प्रयास किये पर भारत की शिक्षा प्रणाली और यहां की संस्कृति सदैव बनी रही। प्राचीनकाल से उज्जैन को समय का मानक माना जाता था। गुरू सान्दीपनि और महाकवि कालिदास की कर्मस्थली होने के कारण उज्जैन सदैव से ही शिक्षा का केन्द्र रहा है। मध्य प्रदेश में विक्रम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अपनाने वाला मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना है। यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अन्तर्गत बहुविषयक एवं शोध विश्वविद्यालय समूह के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि पीएम उषा योजना का उद्देश्य राज्यों को उनकी उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों के लिये अधिक प्रभावी संसाधन आवंटन तथा घटकों को सुव्यवस्थित करने हेतु लचीलापन प्रदान करती है। स्वीकृत हुई राशि को मुख्यत: विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नवीन उपकरण खरीदने और विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता तथा आंतरिक ढांचा मजबूत करने के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।

विगत कुछ वर्षों में नई संकल्पनाओं से नवीन संकायों और पाठ्यक्रमों की संरचना के साथ विश्वविद्यालय में प्रवेश में व्यापक अभिवृद्धि हुई है। युवा वर्ग अपनी ऊर्जा का उपयोग देश के निर्माण के हित में लगायें। युवाओं की रचानात्मक ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र के नवनिर्माण में होना वर्तमान समय की आवश्यकता है, जिससे हम विश्व में भारत को ज्ञान के स्तर पर सिरमौर बना सकें और विश्वगुरु के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को अक्षुण्ण रख सकें।

सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने इस अवसर पर कहा कि पीएम उषा योजना सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थियों के प्रयास से विश्वविद्यालय नये आयामों को छूएगा और शीघ्र ही उज्जैन नगर पुन: भारत में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा।

विधायक श्री जैन ने इस अवसर पर कहा कि विश्वविद्यालय को यह अनुदान प्राप्त होना अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है। विश्वविद्यालय द्वारा अनुदान राशि का उपयोग आंतरिक ढांच को सुधारने और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये किया जायेगा।

इसके पश्चात विश्वविद्यालय में उषा योजना का प्रस्ताव बनाने वाली समिति के संचालक डॉ.कमलेश दशोरा ने योजना के अन्तर्गत पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन दिया। इसके पश्चात सभी ने प्रधानमंत्री के जम्मू में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। अतिथियों द्वारा प्रो.धर्मेन्द्र मेहता के द्वारा व्यवसाय प्रबंध संस्थान निदेशक विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा सह-सम्पादित, एलपीए नईदिल्ली, एमआईटीडब्ल्यूपीयू पुणे के सह-संयोजन में नव-प्रकाशित, मुद्रित अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शोध पत्रों पर आधारित इनोवेटिव टेक्नालॉजी एण्ड एप्लीकेशंस सस्टेनेबल लायब्रेरी सर्विसेस का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम का संचालन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया और आभार कुल सचिव प्रो.अनिल शर्मा ने व्यक्त किया।





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