राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विशेष । विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वह सदैव तर्कपूर्ण तरीके से सोचता रहे और शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे इस सोच को आकर देते रहें - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय
उज्जैन। भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय भौतिकशास्त्री सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी. वी. रमन) द्वारा रमन प्रभाव की खोज के स्मरण में मनाया जाता है। यह अवसर हमारे वैज्ञानिक समुदाय के योगदानों की सराहना करने और देश के विकास में उनके योगदान के विषय में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए भी एक मंच के रूप में कार्य करता है।
इस वर्ष साइंस डे की थीम ''विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक'' रखी गई है। इस दिवस का लक्ष्य भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देना है, जो आत्मनिर्भरता और सतत विकास को बढ़ावा देगा। विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वह सदैव तर्क पूर्ण तरीके से सोचता रहे और शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे इस सोच को आकर देते रहें। आज के युग में विज्ञान एवं वैज्ञानिक सोच की आवश्यकता आत्मनिर्भर भारत में भी है। विक्रम विश्वविद्यालय ने हमेशा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में अथक प्रयास किए है। इसी शृंखला में विश्वविद्यालय ने विज्ञान संकाय के अनेक पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए हैं, जिनका ज्ञान अर्जित कर विद्यार्थी न सिर्फ रोजगार प्राप्त करेगा, बल्कि नए-नए उपयोग कर शोध और अनुसंधान भी कर सकेगा। इन पाठ्यक्रमों में कृषि विज्ञान, खाद्य प्रौद्योगिकी, मछली पालन, एक्वाकल्चर प्रौद्योगिकी, डेयरी प्रौद्योगिकी, रेशम उत्पादन, मशरूम उत्पादन, नेटवर्क सुरक्षा, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, वेब प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा कई उत्पाद बनाए गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे विभिन्न विभागों के छात्रों द्वारा चॉकलेट, बायोप्लास्टिक, क्रीम, टोनर और वर्मीकम्पोस्ट जैसे विभिन्न हर्बल उत्पाद बनाए गए हैं। इसके लिए छात्रों को विश्वविद्यालय और मध्यप्रदेश शासन द्वारा सीड मनी प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने 12 से अधिक उत्पाद विकसित किए हैं, 27 से अधिक स्टार्ट अप लॉन्च किए गए हैं। लगभग 14 पेटेंट विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को प्राप्त हुए हैं। हाल ही में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा हर्बल पेस्ट, हर्बल इंसेक्टिसाइट, पेस्टीसाइट और हर्बल डाई का भी निर्माण किया गया है। एक वैज्ञानिक में सात विशेषताएं अवलोकन, जिज्ञासा, तर्क, रचनात्मकता, संदेह, निष्पक्षता और सहकर्मी समीक्षा जैसे गुण अनिवार्य रूप से होने चाहिए जो उसे सफल बनाते हैं। विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि जिन विद्यार्थियों में इन गुणों की अनुभूति करे तो इन गुणों को पोषित करें, जिससे वह विद्यार्थी जिस भी क्षेत्र में हो उसमें एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख सके। हम सब को अपने अंदर के वैज्ञानिक को सदैव जीवित रखना चाहिए। इसी के साथ मैं सभी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय वैज्ञानिक दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।
Comments