शिक्षक किताबी ज्ञान के साथ-साथ अनुशासन एवं संस्कार भी सिखाते है। विद्यार्थियों को पाँच लक्षण के श्लोक का अर्थ सहित बतलाया। गुरू के बिना ज्ञान नहीं मिलता है जो निरन्तर आगे बढ़ने का अवसर का मार्गदर्शन भी देते है। गुरू, माता, पिता को ईश्वर का रूप माना जाता है। इनके आशीर्वाद से सभी कार्य सफल होते है तथा विद्यार्थी अच्छा नागरीक बनता है।
उपर्युक्त विचार श्री अनिल कुमार सेठिया कन्या हाईस्कूल महिदपुर रोड के आदर्श शिक्षक ने एक शाला एक परिसर सरवनखेड़ा मे कक्षा 5वी एवं 8वीं के छात्रों के बिदाई समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये।
समारोह का शुभारम्भ अतिथियो के द्वारा सरस्वती पूजन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना छात्रा अलका ने प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत विद्यार्थियों ने पुष्पमाला से किया। स्वागत भाषण शिक्षक श्री देवीलाल गुर्जरवाडिया ने दिया। स्वागत गीत आरती ने एवं बिदाई गीत संध्या योगी ने प्रस्तुत किया। भजन पायल, लखन राव, अलका आदि ने सुनाया। बिदाई भाषण आरती ने दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि ठा. केसरसिंह चौहान ने उद्बोधन में कहा कि बचपन से ही भजन एवं प्रभु का नाम स्मरण करोगे तो जीवन सफल होगा। आधुनिक खतरनाक मोबाईल की बिमारी युवाओं एवं विद्यार्थियों की दुश्मन है। इसीलिये मोबाईल से दूर रहे। समारोह के विशिष्ट वक्ता एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि तीर एवं तलवार से बडा हथियार विद्यार्थियों की कलम (पेन) होता है ।। इसीलिये अधिक पढ़े एवं लिखेंगे तो समाज में व्याप्त बुराईयों से बचा जा सकता है तथा अपना विकास कर सकेंगे। छात्रो को अपनी शिक्षा, संस्कृति एवं आशीर्वाद से परिवार, विद्यालय तथा ग्राम का नाम रोशन कर सकते है। विशिष्ट अतिथि श्री अब्दुल रफीक खान ने बताया कि शिक्षा अमूल्य धन है।
अध्यक्षीय भाषण में श्री राजीव शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा है कि मातृभाषा एवं मॉं तथा शिक्षको को हमेशा सम्मान करना चाहिये। विद्यार्थियों को प्रधानाध्यापक डॉ. प्रभु चौधरी ने कलम प्रदान की । छात्रों ने विद्यालय को डाईस भेंट किया। संचालन शिक्षक प्रेम छाबडा ने किया एवं आभार सुनीता शर्मा ने माना। इस अवसर पर अतिथि शिक्षक श्री महेश राठौड़ विशेष रूप से उपस्थित हुए।
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