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अनुदान प्राप्त करना पर्याप्त नहीं, उस अनुदान का सही दिशा में उपयोग करना विश्वविधालय का सबसे बड़ा दायित्व- कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय को पी एम उषा योजना के तहत प्राप्त अनुदान से विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास का माहौल, विद्यार्थियों ने किया कुलपति का स्वागत।

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत बहुविषयक शिक्षा एवं शोध विश्वविद्यालय  समूह  के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन को 100 करोड़ का अनुदान स्वीकृत हुआ है। 20 फरवरी को प्रातः काल 10: 30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने योजना को लॉन्च किया, जिसका जीवन्त प्रसारण विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सभागार में किया गया। पीएम-उषा योजना का उद्देश्य राज्यों को उनकी उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पीएम-उषा योजना राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों के लिये अधिक प्रभावी संसाधन आवंटन तथा घटकों को सुव्यवस्थित करने हेतु लचीलापन प्रदान करती है। इसी शृंखला में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान की मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी स्कीम के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय को 100 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है। मंगलवार को विद्यार्थियो ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय का आभार जताया एवं माननीय कुलपति जी को बधाई दी। इस अवसर पर माननीय कुलपति जी ने कहा कि इस अनुदान ने विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि अनुदान मिलना पर्याप्त नहीं अपितु अनुदान सही दिशा में उपयोग में लाया जाए और इससे विद्यार्थी हित में कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र साथ मिलकर प्रयास करें तो विश्वविद्यालय देश के उच्चतम 100 विश्वविद्यालय में शामिल हो सकता है। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा और कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरवशाली पल है और विश्वविद्यालय का प्रयास होगा कि वह विद्यार्थी हित में कार्य करे। इस अवसर पर माननीय कुलपति जी के साथ उषा योजना के समन्वयक प्रोफेसर कमलेश दशोरा और रसायनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो उमा शर्मा भी उपस्थित थी।

विक्रम विश्वविद्यालय के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के दो अन्य विश्वविद्यालयों जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल को भी यह अनुदान प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत गौरव का अवसर है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने माननीय मंत्री, शिक्षा मंत्रालय श्री धर्मेंद्र प्रधान जी भारत सरकार नई दिल्ली से लगातार विश्वविद्यालय के उन्नयन हेतु चर्चा करते रहे, जिसके परिणामस्वरूप यह उपलब्धि प्राप्त हुई हैl  पूरे विक्रम विश्वविद्यालय परिवार ने इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदरसिंह परमार सहित केंद्र एवं मध्य प्रदेश शासन के अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर हर तरह से शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु प्रयासरत रहेगा और कौशल आधारित शिक्षा को शुरू करने एवं विद्यार्थियों में छुपे टैलेंट को खोजने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहेगा। 

कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय का बुनियादी ढांचा मजबूत हो, शोध एवं अनुसंधान में विकास हो और शिक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार हो इन्हीं दिशाओं में पीएम उषा योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाले अनुदान का उपयोग विक्रम विश्वविद्यालय करेगा। वर्तमान में  विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा के अलावा कृषि, शारीरिक शिक्षा सहित अधिकतर पाठ्यक्रम संचालित कर रहा हैंl माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सम्राट विक्रमादित्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस की भी शुरुआत बहुत जल्दी करने जा रहा है।

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