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विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे पांच राज्यों के 12 विद्यार्थियों ने बनाई शिव-विवाह की मनोहारी रंगोली

विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे पांच राज्यों के 12 विद्यार्थियों ने बनाई शिव-विवाह की मनोहारी रंगोली

महाशिवरात्रि पर्व पर श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में साढ़े तीन क्विंटल रंगों से बनाई गई रंगोली ने श्रद्धालुओं को मोहित किया

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की ललित कला अध्ययनशाला के प्रतिभाशाली युवा कलाकारों ने श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मुख्य शिखर के सामने शिव विवाह प्रसंग की मनोहारी रंगोली बनाई, जिसे हजारों श्रद्धालुओं ने देखा।  महाशिवरात्रि पर्व के दौरान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में विक्रम विश्वविद्यालय के ललित कला अध्ययनशाला के बारह विद्यार्थियों ने महाकवि कालिदास के कुमारसम्भव के श्लोक पर आधारित 25 बाय 25 फीट, 650 वर्ग फीट की शिव विवाह की रंगोली बनाई। इसमें 25 रंगों का उपयोग किया गया, जो साढ़े तीन क्विंटल से अधिक थे। 

रंगोली चित्रण करने वाले विश्वविद्यालय के ललित कला के @th3sketchers समूह के विद्यार्थी कलाकारों में सुश्री लक्ष्मी कुशवाह, नंदिनी प्रजापति, मुकुल सिंह, आदित्य चौहान, अक्षित शर्मा, पंकज सेहरा, जगबंधु महतो, अलका कुमारी, प्रिंस परमार, चांदनी डिगरसे, सलोनी परमार एवं नैसा खान सम्मिलित थे। दिशा निर्देश कला शिक्षक वरिष्ठ चित्रकार श्री लक्ष्मीनारायण  सिंहरोडिया एवं डॉ महिमा मरमट ने दिया।

यह जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष प्रो जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस रंगोली को पर्व के अवसर पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने निहारा और सेल्फी भी ली। ड्रोन कैमरे से लिए गए चित्रों में यह रंगोली महाकाल मंदिर के विशाल परिसर की शोभा बढ़ा रही है। अध्ययनशाला की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मार्गदर्शक कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा आदि ने बधाई दी। 

इस भव्य रंगोली को 12 कलाकार विद्यार्थियों ने मिलकर बनाया है, जो कि 5 राज्यों मध्यप्रदेश, दिल्ली, झारखंड, राजस्थान और राजस्थान के कलाकार से हैं और विक्रम विश्वविद्यालय में ललित कला विभाग में अध्ययनरत हैंl इन विद्यार्थी कलाकारों के समूह का नेतृत्व पंकज सेहरा (मध्य प्रदेश) ने किया है, और रंगोली निर्माण में मुख्य रूप से लक्ष्मी कुशवाह और नंदिनी प्रजापति की भूमिका रही है, जो कि मध्य प्रदेश से हैं।

रंगोली के रेखांकन का कार्यभार मुख्य रूप से अक्षित शर्मा ( दिल्ली ), आदित्य चौहान (मध्य प्रदेश) और प्रिंस परमार (राजस्थान) ने किया। इनके अतिरिक्त अन्य कार्यभार तथा रंगोली निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान मुकुल सिंह (दिल्ली), जगबन्धु महतो ( झारखंड), अलका कुमारी (बिहार), चांदनी डीगरसे, सलोनी परमार और नैसा खान - तीनों मध्य प्रदेश से हैं ।

 इन सभी कलाकारों की रंगोली निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । इस भव्य रंगोली के निर्माण में विक्रम विश्वविद्यालय का पूर्ण सहयोग रहा, इस रंगोली के लिए वित्तीय निधि की आपूर्ति विश्वविद्यालय के कोष से ही हुईl  साथ ही विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा  तथा ललित कला विभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश चन्द्र शर्मा का महत्वपूर्ण सहयोग रहा, जिन्होंने इन सभी विद्यार्थी कलाकारों को विश्वविद्यालय की ओर से प्रोत्साहित और मार्गदर्शन किया।

विद्यार्थी कलाकारों के शिक्षक डॉ. लक्ष्मीनारायण सिंहरोडिया और डॉ. महिमा मरमट के दिशा निर्देश पर इन विद्यार्थियों ने यह भव्य रंगोली का निर्माण लगातार 2 रात और 2 दिन में लगभग 60 घंटे के मेहनत से इस सफलतापूर्वक संपन्न करके अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया।

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