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फेलोशिप से जोड़ें विद्यार्थियों को, उन्हें प्रोत्साहित करना विभागों का उत्तरदायित्व है - कुलपति प्रो. पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में कुलपति जी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक संपन्न 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कार्यपरिषद कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। गुरुवार दिनांक 28 मार्च 2024 को आयोजित बैठक में सभी विभागाध्यक्षों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी विभागाध्यक्षों को राज्य आनंद संस्थान के कार्यों एवं उनके माध्यम से दी जा रही स्कॉलरशिप के बारे में चर्चा करना था। 

बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति जी ने कहा कि राज्य आनंद संस्थान प्रदेश के नागरिकों एवं शासकीय सेवकों को परिपूर्ण जीवन जीने की विधा सिखाने एवं कार्यों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिससे आनंद का प्रसार किया जा सके। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस संस्थान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य ज्ञान संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करना भी है और इसी अनुक्रम में प्रदेश के शिक्षण एवं शोध संस्थानों में आनंद विषय पर शोध/अनुसंधान करने तथा इसे बढ़ावा देने के लिए संस्थान द्वारा आनंद अनुसंधान प्रोजेक्ट, आनंद अनुसंधान फैलोशिप, आनंद डोक्टोरल फैलोशिप कार्यक्रम तैयार किया है, जिनके अंतर्गत अनुसंधान गतिविधियों हेतु फैलोशिप की जाती है। माननीय कुलपति जी ने सभी विभागाध्यक्षों से अपील की कि वे अपने-अपने विभागों में इस स्कॉलरशिप की जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि विभाग अपने स्तर पर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर इसकी प्रक्रिया संपन्न करवाने के प्रयास करें। 

इस अवसर पर उपस्थित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट  के "प्रमुख कार्यक्रम टैब पर रिसर्च एवं फैलोशिप "पर उपरोक्त कार्यक्रमों के उद्देश्य, अनुदान राशि, पात्रता एवं चयन की विस्तृत जानकारी देखी जा सकती है, अतः विद्यार्थी इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि अनुदान हेतु आवेदन 31 मई 2024 तक वेबसाइट के माध्यम से ही ऑनलाइन प्रस्तुत किये जा सकते है, अतः विभाग और विद्यार्थी इसे गंभीरता से लें। बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो एस के मिश्रा, आइक्यूएसी के निदेशक प्रो डी डी बेदिया सहित कई विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक उपस्थित थे।

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