उज्जैन। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के द्वारा विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की निर्माणाधीन इमारत का निरीक्षण माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा के नेतृत्व में करवाया गया। इस विजिट में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विभिन्न ब्रांच से 100 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
कुलगुरु डॉक्टर पांडेय ने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण विजिट बताया जिससे विद्यार्थीगण प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ आगे बढेंगे उन्होंने विद्यार्थियों को सिविल इंजीनियरिंग के साथ-साथ वास्तु शास्त्र एवं पुरातन कालीन इंजीनियरिंग को भी समझाया कि किस तरह पुरातन इमारतें, किले, महल, मंदिर इत्यादि आज भी हजारों सालों के बाद बहुत ही अच्छी अवस्था में विद्यमान हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी यह सभी छोटी-छोटी विजिट करके समझ सकते हैं कि पुरानी और नई इंजीनियरिंग में क्या अंतर है?
इस विजिट का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान देना था। इसमें सभी ब्रांच के विद्यार्थियों द्वारा देखा गया कि एक इमारत को किस तरह बनाया जाता है। साथ ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों द्वारा समझा गया कि इलेक्ट्रिकल लाइन कैसे बिछाई जाती है एवं उसमें क्या परेशानियां होती है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है।
कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बच्चों को जल संरक्षण के बारे में समझाया कि किस तरह हम रेनवाटर हार्वेस्टिंग करके पानी को बचा सकते हैं। साथ ही आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व भी जल के संरक्षण पर कार्य किया जाता था। महलों इमारत में जल के संरक्षण के लिए खूब नहरे तालाब इत्यादि बनाए जाते थे। हमें भी हमारी इमारत को जल संरक्षण युक्त बनाना चाहिए।
इस विजिट में एसओईटी संस्थान के डायरेक्टर प्रो. संदीप तिवारी, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के हेड प्रो. राजेश टेलर, परीक्षा विभाग के डॉक्टर जैन के साथ-साथ एसओईटी डिपार्टमेंट की फैकल्टी राजेश चौहान, सचिन सिरोनिया, चेतन गुर्जर, अमृता शुक्ला एवं नेहा सिंह उपस्थित थे।
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