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विद्यार्थी शिक्षा मन से ग्रहण करे और उसे जीवन में आत्मसात करे तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएंगे - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय


उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थियों को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं।

दिनांक 23 अप्रैल 2024 को औचक निरीक्षण पर प्रIणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस अध्ययनशाला पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्राणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस विभाग का निरीक्षण किया एवं विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करने की बारीकियां समझाईं। 

माननीय कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों को समझते हुए कहा किसी भी विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है की वह अपनी लैब की साफ-सफाई रखे। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कार्य विज्ञान की पढ़ाई का एक अभिन्न अंग है और प्रायोगिक कार्य अच्छे से हो सके इसके लिए यह आवश्यक है कि लैब में उचित तरीके से साफ-सफाई रखी जाए। कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा ग्रहण करने का यह मूल मंत्र है कि उसे विद्यार्थी पूरे मन से ग्रहण करें और उसे जीवन में आत्मसात करें। तभी वे अपना और समाज का उद्धार कर पाएंगे, और यही शिक्षा का मूल उद्देश्य होता है। 

माननीय कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों को कवक का कल्चर करने और स्लाइड बनाने की विधि के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना एक शोध का विषय चयनित कर उसी पर काम करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रोद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने माननीय कुलगुरु जी का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर दोनों विभागों के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने दी।

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