स्त्री त्याग, समर्पण, स्नेह और ममता का सबसे बड़ा उदाहरण है और मातृत्व इसे सबसे खूबसूरती से दर्शाता है-कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय
एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है की जब ईश्वर को लगा कि वे हर जगह नहीं हो सकते तब उन्होंने मां बनाई। इस दुनिया का कोई भी व्यक्ति मातृ ऋण से मुक्त नहीं हो सकता। मां हमारे जीवन में सबसे अनमोल है। ईश्वर ने समस्त संसार की ऊर्जा का प्रवाह कर इस ऊर्जा को संसार के संचालन करने का दायित्व दिया। नारी ही किसी परिवार की आधारशिला है, यही नारी माता के रूप में शिशु का लालन-पालन करती है एवं उसे उत्कृष्ट संस्कार देती है।
महिलाओं की प्रवृत्ति पानी के समान होती है, अतः वो किसी भी किरदार में स्वयं को ढाल सकती है। आज 12 मई का दिवस अत्यंत शुभ और विशेष है यह महिला के दो समान स्वरूप को मना रहा है। एक मातृत्व दिवस और दूसरा अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस। माता के दायित्व की तरह ही नर्सिंग का दायित्व भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व है। नर्सिंग दिवस महान नर्स फ्लोरेंस नाइटेंगेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में दिनांक 12 मई को मनाया जाता है। जिस प्रकार माता अपने शिशु की देखभाल करती है वैसे ही नर्स भी अपने मरीज़ की देखभाल करती है। स्त्री के इन दोनों स्वरूप को शत शत प्रणाम करता हूँ और मातृत्व दिवस और नर्सिंग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं।
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