आपराधिक न्याय प्रणाली देशवासियों को पारदर्शी और त्वरित न्याय प्रदान करने का काम करेगी- अनिल किशोर यादव
भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में आपराधिक न्याय प्रणाली में अधिसूचित किए गए तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ जिसमे मुख्य वक्ता सीएपीटी के निदेशक आईपीएस श्री अनिल किशोर यादव थे, वहीं उक्त संगोष्ठी की अध्यक्षता निटर के निदेशक प्रोफेसर सी.सी. त्रिपाठी ने की।
अपने व्याख्यान में श्री अनिल किशोर यादव ने तीनो कानूनो के बारे में सभी को बड़े ही विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। ये तीनो कानून एक जुलाई से प्रभावी हो रहे हैं।
निटर के निदेशक प्रोफेसर सी.सी. त्रिपाठी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ये कानून, नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखते हुए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। अत्याधुनिक तकनीकों से सशक्त नए भारत की यह नई न्याय प्रणाली देशवासियों को पारदर्शी और त्वरित न्याय प्रदान करने का काम करेगी।
इस आयोजन में संस्थान के संकाय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. रवि गुप्ता थे ।
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