उज्जैन। विश्वविद्यालय चलो अभियान के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की भौतिकी अध्ययनशाला में छात्र एवं शिक्षक समुदाय से जुड़ने के लिए ओपन हाउस बैठक एवं परिसंवाद का आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों ने भागीदारी की। समारोह में 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उज्जैन के विद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों को शिक्षा जगत में अमूल्य योगदान के लिये सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी कुलपति और कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. उमा शर्मा, डीन विज्ञान संकाय, विक्रम विश्वविद्यालय एवं डॉ. मानुषी डे, प्राचार्य कालिदास हायर सेकेंडरी स्कूल उज्जैन की उपस्थिति रही। सम्मानित शिक्षकों में उज्जैन क्षेत्र के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवा दे रहे शिक्षक शामिल रहे। प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि भौतिक विज्ञान मनुष्य सभ्यता के आरंभिक दौर से अब तक निरन्तर विकासमान है। प्राचीनतम दर्शनों में भी इसकी महत्ता रही है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों को 12वीं के बाद विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए मार्गदर्शित किया तथा भौतिकी विषय के महत्व और संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. उमा शर्मा ने सभी विद्यार्थियों को विज्ञान के महत्व को बताते हुए मूल विज्ञान के विषयों के अध्ययन के महत्व को विकसित भारत अभियान के लिए आवश्यक बतलाया। डॉ. मानुषी डे ने विभाग के पूर्व विद्यार्थी के रूप में अपने अनुभव साझा किये।
विभागाध्यक्ष प्रो. स्वाति दुबे ने कार्यक्रम की पीठिका प्रस्तुत की। डॉक्टर निश्चल यादव ने स्वागत भाषण दिया। डॉ. अपूर्वा मुले ने विभाग की वेबसाइट के माध्यम से विभाग से जुड़ी जानकारी साझा की।
इस अवसर पर आयोजित विज्ञान प्रश्नोत्तरी में विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने सहभागिता की। उज्जैन जिले के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकगण श्री सुनील शर्मा, श्री कन्हैया चौधरी, सुश्री ईशा खान और श्रीमती संध्या शर्मा ने कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा किए और इस आयोजन की सराहना करते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।
Comments