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भारत ने संकट के समय आस-पास के देशों को वैक्सीन दे कर वसुधैव कुटुम्बकम् का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

भारत ने संकट के समय आस-पास के देशों को वैक्सीन दे कर वसुधैव कुटुम्बकम् का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से रेड क्रॉस डे मनाया गया        

उज्जैन। विश्व रेड क्रॉस दिवस हर साल 8 मई को मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों को समर्पित है जो विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं, सशस्त्र संघर्षों और अन्य संकटों से पीड़ित हैं। यह दिन रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के मानवीय मूल्यों को उजागर करने के अवसर के रूप में भी कार्य करता है। विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से रेड क्रॉस डे मनाया गया। 

कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि भारत देश ने संकट के समय वैक्सीन दे कर वसुधैव कुटुम्बकम् का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा की रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं ने भले ही किसी भी देश में जन्म लिया हो, पर इस संस्था ने भारत में भी अपनी जड़ पकड़ी है। मानव समाज के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा की उज्जैन जिले मे भी रेड क्रॉस एक सक्रिय संस्था रही है जिसने शहर में कई रक्त दान एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सदैव रेड क्रॉस सोसायटी के साथ मिल कर इस प्रकार के आयोजन मे भाग लेना चाहेगा। अतः उज्जैन रेड क्रॉस सोसायटी को हर प्रकार से सहयोग देना चाहेगा। 

कार्यक्रम की पीठिका विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने रखते हुए कहा कि रेड क्रॉस एक प्रख्यात संस्था है जिसने मानवता के उद्धार के लिए कई विशिष्ट कार्य किए हैं। उन्होंने कहा की मानवता को जीवित रखने के लिए रेड क्रॉस द्वारा कई सार्थक प्रयास किए गए हैं। युद्ध, आपदा और कोविड़ जैसी महामारी में भी इस संस्था ने सराहनीय कार्य किए। साथ ही उन्होंने संस्था के सदस्यों को आश्वत किया कि विश्वविद्यालय भी संस्था के साथ जुड़ कर मानवता के हित में सार्थक कार्य करने के लिए प्रयासरत रहेगा। कार्यक्रम में श्री ललित ज्वेल (सचिव, जिला रेड क्रॉस सोसायटी) ने बताया कि विश्व रेड क्रॉस दिवस, एक वार्षिक उत्सव है जो रेड क्रॉस और रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के दूरदर्शी संस्थापक हेनरी डुनेंट की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष रेड क्रॉस दिवस की थीम मानवता को जीवित रखना है और रेड क्रॉस सोसायटी ने इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु कई सार्थक प्रयास किए है। 

रेड क्रॉस सोसायटी के एक और सदस्य डॉक्टर उत्तम मीणा ने रेड क्रॉस दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह दुनिया भर में रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट द्वारा किए गए मानवीय कार्यों के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है। 

इसी तारतम्य में माननीय कुलगुरु जी ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को मतदान की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती पर माल्यार्पण और मां सरस्वती के पूजन से हुई। अतिथियों का स्वागत प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने किया।

कार्यक्रम में रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्य श्री सुरेश जैन, विक्रम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डी डी बेदिया, डॉक्टर कमलेश दशोरा सहित प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, फार्मेसी और फॉरेंसिक साइंस अध्ययनशाला के शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर पूर्णिमा त्रिपाठी ने किया एवं आभार श्री हरीश शर्मा ने माना।

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