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विश्वविद्यालयों का प्रयास विद्यालयों और महाविद्यालयों को एक सूत्र में बांध कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सही ढंग से क्रियान्वन करवाना है - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय चलो अभियान के अंतर्गत प्रिंसिपल कॉनक्लेव का आयोजन हुआ   

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में दिनांक 22 मई से 2 जून तक विश्वविद्यालय चलो अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में प्रिंसिपल कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल संवर्धन और विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम पर केंद्रित इस आयोजन की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य श्री वरुण गुप्ता, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो एस के मिश्रा, पूर्व प्रबन्धक श्री एस एस नारंग, प्रो संदीप तिवारी, प्रो डी डी बेदिया आदि सहित विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों ने विचार व्यक्त किए। 

प्राचार्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालयों का प्रयास सदैव विद्यालयों और महाविद्यालयों को एक सूत्र में बांधकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का समुचित दंग से क्रियान्वय करवाने का है। 

माननीय कुलगुरु जी ने कहा कि विश्वविद्यालय चलो अभियान भी इसी दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किया गया एक प्रयास है। इसके माध्यम से हम विद्यार्थियों तक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की जानकारी पहुंचा सकेंगे। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित सभी प्राचार्यो से अपील की कि वे अपने विद्यालयों में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों की सम्पूर्ण जानकारी पहुंचाने का प्रयास करें। 

कार्यपरिषद सदस्य श्री वरुण गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए  आईटीआई और विद्यालयों को जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य होगा। सूचना क्रांति और रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लिए विद्यालयों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। 

अपने विचार व्यक्त करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि गत कुछ वर्षो से विश्वविद्यालय के प्रवेश में लगातार वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष विश्वविद्यालय चलो अभियान के तहत लगभग 10,000 विद्यार्थियों से संपर्क किया जायेगा। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित प्राचार्यों को आश्वस्त किया को विश्वविद्यालय विद्यालयों से निरन्तर जुड़कर विद्यार्थियों के शैक्षिक और कौशल विकास के कार्य निरन्तर करेगा। प्रतिकल्पा उत्कर्ष IV, मेगा जॉब फेयर और करियर काउंसलिंग, प्रतिभा सम्मान आदि कार्यक्रम इसी कड़ी में किए गए। 

एस ओ ई टी के डायरेक्टर प्रोफेसर संदीप तिवारी ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका पर विचार करना था, जिसमें वह सफल रहा।  

कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉक्टर शिवी भसीन एवं डॉक्टर ब्रह्मदत्त शुक्ला ने बताया कि इस आयोजन में सेंट मेरीज, भारतीय ज्ञानपीठ, वर्जिन मैरी, उत्कृष्ट विद्यालय, ज्ञान सागर एकेडमी सहित जिले के अनेक शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय चलो अभियान से जुड़े शिक्षक इंजीनियर अंजलि उपाध्याय, इंजीनियर मोहित प्रजापति और डॉक्टर पूर्णिमा त्रिपाठी ने बताया कि सभी प्राचार्यों से बात कर स्कूलों में भ्रमण कर विद्यार्थियों तक विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी पहुँचाई जाएगी। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा ने प्राचार्य सम्मेलन को विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पुल बताया, जिसके माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को एक नई दिशा मिल सकेगी। 

आयोजन के अंत में विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य और उनके प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र अर्पित कर उनका सम्मान किया गया। आभार प्रो डी डी बेदिया ने व्यक्त किया।


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