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विद्या को मन से ग्रहण करिए, विषय को जड़ से सीखिए और उसमें विशेषज्ञता अर्जित करिए, सफल स्वयं हो जायेंगे - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी  में हुआ कुलगुरु संवाद कार्यक्रम और प्रतिभा सम्मान समारोह 

उज्जैन। दिनांक 3 जून को विश्वविद्यालय चलो अभियान के तहत विक्रम विश्वविद्यालय की स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी - एस ओ ई टी  में कुलगुरु के साथ संवाद एवं प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग के विद्यार्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय के  कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों के साथ सीधा संवाद  किया। 


कार्यक्रम की पीठिका रखते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह है को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी विद्यार्थियों से सीधा संपर्क साध कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विभिन्न विद्यार्थियों को एक पटल पर ला कर उन्हें विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों और उनकी विशेषताओं से परिचित कराने का कार्य करते हैं। 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर जया मिश्र, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ने हर तरह से गत वर्षों में विद्यार्थियों तक पहुंचने के सकारात्मक प्रयास किए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी रुचि के अनुसार विषय का चयन कर आगे बढ़ने की सलाह दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ नारायण व्यास भोपाल ने बताया कि विद्यार्थियों को इस उम्र में सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है और शिक्षकों का कर्तव्य है कि उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करें। 

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए एवं विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर पाण्डेय ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि विद्यार्थी विद्या को मन से ग्रहण करे, विषय को जड़ से सीखे, उसमें विशेषज्ञता हासिल करें, सफल स्वयं हो जायेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपनी रुचि अनुसार विषय का चयन करें और किसी कार्य को छोटा या बड़ा ना समझे अपितु अपने लक्ष्य पथ पर निष्काम कर्म करते रहें फल स्वयं प्राप्त हो जायेगा। प्रोफेसर पाण्डेय ने विद्यार्थियों को स्कूली जीवन और स्कूल के महत्व के बारे में समझाते हुए उन्हें शिक्षकों द्वारा दी गई शिक्षक के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ज्ञान अर्जित करने पर ध्यान दे, मार्क्स के पीछे न दौड़े। कुलगुरु जी से इस दौरान विभिन्न स्कूलों जैसे ज्ञान सागर अकादमी, विज्याराजा गर्ल्स स्कूल, शासकीय विद्यालय महिदपुर, उत्कृष्ट विद्यालय उज्जैन, संत मीरा विद्यालय आदि के विद्यार्थियो ने अलग-अलग विषय जैसे टाइम मैनेजमेंट, विद्यार्थियों में स्ट्रेस, डिस्ट्रक्शन, विषय का चयन आदि विषय पर प्रश्न पूछे जिनका माननीय कुलगुरु जी ने बहुत सहजता से जवाब दिया।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर विद्यार्थियों तक पहुंचने का हर संभव प्रयास कर रहा है और विश्वविद्यालय चलो अभियान के तहत अभी तक विश्वविद्यालय लगभग 10,000 विद्यार्थियों तक पहुंच चुका है।

कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉक्टर शिवी भसीन एवं ब्रह्मदत्त शुक्ला ने बताया कि इस अवसर पर 12 वीं में 85 प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया। वहीं, पिछले 10 दिन में विभागों द्वारा कराई गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए गए। विभिन्न अवसरों पर मनोरम रंगोली निर्मित करने वाले ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र अर्पित कर में सम्मानित किया गया।  अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर आयोजित विद्यालयीन श्लोक पाठ एवं चित्रकला प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम के सह आयोजक सचिव इंजीनियर मोहित प्रजापति एवं शिक्षक डॉक्टर टीना यादव एवं पूर्णिमा त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम में डॉ. उमा शर्मा, डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. अलका व्यास, परिवर्तन संस्था के श्री एस एस नारंग, डॉ. सत्येंद्र किशोर मिश्रा, डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. डी डी बेदिया, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ बी के आंजना आदि ने विचार व्यक्त करते विद्यार्थियों को अपने अपने विषय एवं संकायों के पाठ्यक्रमों की जानकारी दी।   

कार्यक्रम की शुरुआत में सरस्वती के पूजन से हुई, जिसके बाद इंजीनियरिंग अध्ययनशाला के डायरेक्टर प्रोफेसर संदीप तिवारी ने स्वागत भाषण द्वारा अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर अंजली उपाध्याय ने किया एवं आभार  प्रोफेसर धर्मेंद्र मेहता ने माना।



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