उज्जैन। आयुष विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन एवं संचालनालय आयुष विभाग, भोपाल से प्राप्त निर्देश के परिपालन में शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय मंगलनाथ मार्ग, उज्जैन में दिनांक 05.06.2024 बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संगोष्ठी एवं महाविद्यालय के वनौषधी उद्यान में नीम, पीपप, बिल्व आदि के पौधों का रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि शासन निर्देशानुसार विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में संस्था में पर्यावरण की रक्षा में आयुर्वेद की उपयोगिता पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संस्था के सभी शिक्षक एवं यू.जी. एवं पी.जी. के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुये डॉ. रामतीर्थ शर्मा ने वैदिक वांगमय में उपलब्ध वनौषधियों का विवरण देते हुये बताया कि बरगद, नीम, पीपल, आम, बिल्व, कपित्थ आदि के वृक्षों को लगाना चाहिए। ये वृक्ष पुण्यप्रद वृक्ष कहलाते हैं। डॉ. अजयकीर्ति जैन ने जैन दर्शन में वर्णित 24 वृक्षों का विवरण दिया जिनके नीचे बैठक तपस्या करते हुय तीर्थंकर भगवन्तों ने केवल ज्ञान प्राप्त किया था। डॉ. ओ.पी. व्यास ने पर्यावरण की सुरक्षा में सभी की सहभागिता के बारे में बताया। स्नातकोत्तर अध्येता डॉ. अखण्ड प्रताप बघेल ने चरक संहिता में वर्णित जल, वायु, देश एवं काल की सुरक्षा के बारे में बताया। इसी तरह डॉ. पूजा साहू ने घरों में लगाये जाने वाले पौधों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में बोलते हुये डॉ. चौरसिया ने आयुर्वेद में वर्णित वनौषधियों के बारे में बताते हुये सभी विद्यार्थियों से अपील की कि वे आगे बढ़कर वृक्षारोपण में सहभागी बनें। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन व्यक्त करे हुये डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा ने वृक्षारोपण के साथ-साथ जल एवं बिजली के संरक्षण पर भी जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिरोमणि मिश्रा ने किया। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।
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