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Showing posts from July, 2024

विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश तिथि में वृद्धि

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा रिक्त सीटों पर प्रवेश तिथि में वृद्धि के संबंध में अधिसूचना जारी की गयी है जिसमें लिखा गया है कि, विक्रम विश्वविद्यालय, के समस्त विभागाध्यक्षों/निदेशकों को सूचित किया जाता है कि, शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक/स्नातकोत्तर/प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/पी.जी. डिप्लोमा (फार्मेसी अध्ययनशाला के पाठ्यक्रम छोडकर) प्रथम वर्ष/सेमेस्टर में CUET एवं सीधे प्रवेश हेतु प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश की तिथि दिनांक 31 अगस्त 2024 निर्धारित की जाती है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला/संस्थान/विभाग से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश एवं शुल्क जमा करा सकेंगे।

प्रेमचंद के कथा साहित्य की स्त्रियां युग परिवर्तन की संवाहिका हैं - प्रो शर्मा

प्रेमचंद जयंती समारोह के अंतर्गत हुआ स्त्री विमर्श और प्रेमचंद के नारी पात्र पर परिसंवाद का आयोजन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं प्रेमचंद सृजन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती समारोह के अंतर्गत परिसंवाद का आयोजन 31 जुलाई बुधवार को मध्याह्न में प्रभारी कुलपति प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा की अध्यक्षता में वाग्देवी भवन में किया गया। परिसंवाद का विषय था स्त्री विमर्श और प्रेमचंद के नारी पात्र। कार्यक्रम में प्रो गीता नायक, साहित्यकार श्रीराम दवे, श्री संतोष सुपेकर, डॉ प्रतिष्ठा शर्मा, डॉ मोहन बैरागी, श्रीमती नारायणी माया बधेका आदि ने विचार व्यक्त किए।  विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद के कथा साहित्य की स्त्रियां युग परिवर्तन की संवाहिका है। उन्होंने साहित्य में स्त्री एवं किसान जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों को चित्रित करने के साथ मानवीयता की अलख को जगाए रखा। उनकी रचनाएँ कालजयी हैं। कृषि प्रधान देश, कुप्रथा, महाजनी व्यवस्था, रूढ़िवाद की गहरी समझ उन्हें थी। उन्होंने स्त्री जीवन के अनेक अनदेखे पहलुओं को उजाग

अर्धवार्षिकी आयु पूर्ण कर चुके अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दी गई विदाई

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल, बुधवार, 31 जुलाई, 2024 ।  मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में श्री पुनीत श्रीवास्तव - अपर सचिव, श्री सुंदरलाल अहरवाल - निज सचिव, श्री रामकिशन गोटिया - सहायक ग्रेड 1, श्री शेषराव बारस्कर - भृत्य, श्री रूप सिंह मालवीय - जमादार एवं श्रीमती सुशीला बाई मसराम - भृत्य को अर्धवार्षिकी आयु पूर्ण कर चुके सभी लोक सेवकों को आज विधानसभा भवन स्थित सभागार में सेवानिवृत्ति के अवसर पर समारोह पूर्वक विदाई दी गई । मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह जी ने सेवानिवृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शाॅल-श्रीफल एवं स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया तथा उनके दीर्घायु जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना की । उल्लेखनीय है कि, विधानसभा सचिवालय के माह मई-जून, 2024 में शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति उपरांत लोक सेवकों का एक साथ विदाई समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर विधान सभा के सचिव श्री अरविंद शर्मा सहित बड़ी संख्या में विधानसभा के अधिकारी एवं कर्मचारी  उपस्थित थे। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ●

कथा-उपन्यास सम्राट जयंती पर 304वीं आभासी संगोष्ठी आयेजित होगी

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 304वीं अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठीः कथा-उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयन्ती पर विषय-मुंशी प्रेमचंद और समकालीन भारतीय समाज पर दि. 31 जुलाई 2024 को सायं 5 बजे आनलाईन होगी। यह जानकारी राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सुंदरलाल जोशी ने देते हुए बताया कि अन्तरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, विशिष्ट अतिथि श्री सुरेशचन्द्र शुक्ल, शरद आलोक ओस्लो नार्वे, सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय मुख्य संयोजक, मुख्य वक्ता डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, अध्यक्षता री ब्रजकिशोर शर्मा राष्ट्रीय संरक्षक, विशिष्ट वक्ता डॉ. मीरासिंह यूएसए, डॉ. शहेनाज शेख महासचिव नांदेड एवं अनुसूया अग्रवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला इकाई, डॉ. जयासिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रायपुर, डॉ. अनीता तिवारी प्रदेश उपाध्यक्ष भोपाल, विशेष वक्ता डॉ. दक्षा जोशी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉ. अरूणा सराफ महासचिव प्रदेश मध्यप्रदेश, सुधा शिक्षिका चंडीगढऋ रहेगी। समारोह की आयोजक एवं स्वागताध्यक्ष डॉ. अरूणा शुक्ल राष्ट्रीय संयोजक नांदेड, प्रस्तावना डॉ. स

महर्षि महेश योगी संस्थान एवं विक्रम विश्वविद्यालय के बीच ऐतिहासिक सहमति

उज्जैन। महर्षि शिक्षा संस्थान एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के मध्य ऐतिहासिक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय में महर्षि महेश योगी ज्ञान पीठ की  स्थापना की जायेगी। इस शुभ अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रह्मचारी गिरीश जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि परम पूज्य महर्षि जी ने संपूर्ण विश्व को सनातन भारतीय वैदिक ज्ञान परंपरा से परिचित कराया। उन्होंने योग की सर्वोच्च तकनीक भावातीत ध्यान की सरल, सहज पद्धति प्रदान की जिसके प्रतिदिन 20 मिनट प्रातः एवं संध्या अभ्यास से प्रत्येक मनुष्य मन की शांति प्राप्त कर सकता है। मन से शांत व्यक्ति ही  प्रबुद्ध जीवन व्यतीत करते हुए समस्त कार्यों में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकता है। अब विक्रम विश्वविद्यालय के प्राध्यापक गण, विद्यार्थीगण एवं उनके माध्यम से अन्य भारतीय एवं वैश्विक नागरिक भी महर्षि जी की इस विद्या से समस्त मानव जाति के जीवन को सफल बनाएंगे। महर्षि महेश योगी ज्ञान पीठ सदैव सक्रिय रहते हुए इस महान कार्य को सफलतापूर्वक करेगी, ऐसा ही हम सब की कामना है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु म

वाणिज्य अध्ययनशाला में बजट परिचर्चा आयोजित

बजट देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण है -  डॉ. जोशी उज्जैन। आने वाला समय स्किल्ड युवाओं का है ,वही युवा विश्व प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ पाएगा जिसके पास कोई कौशल है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह बजट युवाओं एवं विद्यार्थियों को समर्पित किया है । सरकार इसी सत्र से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को कौशल बेस्ड ट्रेनिंग अनिवार्य कर रही है। जिसमें उन्हें ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। उक्त उद्गार शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ निखिल जोशी ने वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा आयोजित बजट परिचर्चा के अवसर पर व्यक्त किये। आपने कहा कि, बजट किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण है। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत डॉ. एस. के. भारल, डॉ आशीष मेहता, डॉ.अनुभा गुप्ता, डॉ नागेश पाराशर, डॉ कायनात तवर ने किया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ शैलेंद्र कुमार भारल ने देते हुए कहा कि, बजट परिचर्चा वाणिज्य के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। परिचर्चा से बजट के जटिल विषयों का विश्लेषण

संकुल के दो दिग्गज शिक्षक 31 जुलाई को होंगे सेवानिवृत्ति

डॉ प्रभु चौधरी  उज्जैन (महिदपुर रोड) । महिदपुर रोड संकुल के दो दिग्गज शिक्षक 31 जुलाई को सेवानिवृत्ति होंगे।। शासकीय संकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महिदपुर रोड केन्द्र के वरिष्ठ शिक्षक डॉ प्रभु चौधरी, प्रभारी प्रधानाध्यापक, माध्यमिक विद्यालय सरवन खेड़ा से एवं श्री अब्दुल रफीक खान, शिक्षक, माध्यमिक विद्यालय, बपैया से दिनांक 31 जुलाई को अपनी सेवाएं पूर्ण करके सेवानिवृत हो रहे हैं। डॉ प्रभु चौधरी अपने ग्राम कसारी से तहसील, जिला, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित शिक्षक हैं साथ ही राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना जैसा विशाल संगठन खड़ा करके आपने शिक्षा जगत में साहित्य संस्कृति एवं नवाचारों से पूरे राष्ट्र को मार्गदर्शन दिया है । आपको मध्य प्रदेश शासन के शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के हाथों शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2003 को प्राप्त हुआ है साथ ही अनेक सम्मान अभिनंदन आपको प्रतिवर्ष लगभग 10 प्राप्त हो रहे हैं। आपने अपने जीवन में 41 वर्षों की सेवा में 14 स्थान पर शैक्षणिक सेवाएं प्रदान की है। आपकी शिक्षा के साथ-साथ स्काउटिंग, पर्यावरण, विद्यार्थी स

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई । बाघों ने चुन लिया प्रकृति का सुन्दर स्थान - मध्यप्रदेश

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई पृथ्वी का सबसे सुंदर प्राणी बाघ है और बाघों का मध्यप्रदेश में डेरा है। इस बात पर  मध्यप्रदेश के लोगों को गर्व है। ठीक उसी प्रकार जैसे भारत देश को  बाघों की 3682 संख्या पर गर्व है। यह दुनिया में बाघों की कुल संख्या का 75 प्रतिशत हैं। मध्यप्रदेश के लिए सबसे खुशी की बात यह है कि यहां टाइगर रिजर्व के बाहर भी बाघों की संख्या बढ़ रही है।  आज अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश दुनिया को बता सकता है कि मध्यप्रदेश के लोगों को अपने  बाघों पर अभिमान है। सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश में बाघों की आबादी 526 से बढ़कर 785 पहुंच गई है। यह देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में चार-पांच सालों में 259 बाघ बढ़े हैं। यह वृद्धि 2010 में  कुल आबादी 257 से भी ज्यादा है।   वन विभाग के अथक प्रयासों  और स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगल का राजा सुरक्षित है।  सभी मिलकर यही संकल्प लें कि भावी पीढ़ी के लिए प्रकृति का बेहतर संरक्षण करें और  एक सह्रदय भद्र पुरुष  के रूप में  बाघों के परिवार को फलने फूलने का अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग करें। बाघों की पुनर्स्थापना का काम

अधिकारियों का मूल दायित्व जनसेवा एवं राज्य के विकास में योगदान देना है - ए. पी. सिंह, प्रमुख सचिव, विधानसभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । आज नरोन्हा् प्रशासन अकादमी के माध्यम से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित राज्य सेवा के वर्ष 2019-20 के 120 प्रशिक्षु-अधिकारियों के बैच को श्री ए. पी. सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा विधान सभा के मानसरोवर सभागार में संबोधित कर उक्त उद्गार व्यक्त किये गये।  प्रमुख सचिव श्री सिंह द्वारा शासन के विभागों की सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों को विधि-निर्माण, बजट, प्रश्न आदि विधान सभा की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी देने के साथ उल्लेख किया गया कि, शासकीय सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों का मूल दायित्व अपने अधिकारों का उपयोग जनसेवा के लिए एवं राज्य के विकास के लिए करना है। विधान सभा, प्रदेश की जनता द्वारा निर्वाचित विधायी संस्था है। इसी के माध्यम से कार्यपालिका को शासन व्यवस्था संचालित करने हेतु विधान एवं बजट उपलब्ध कराया जाता है। विधायिका के प्रतिनिधि ही शासन की नीतियों एवं निर्णयों का विश्लेषण कर कार्यपालिका पर नियंत्रण रखते हैं। इसलिए विधायिका को तत्परता से जानकारी देना एवं उसके जन-प्रतिनिधि सदस्यों की गरि

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