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सेल्फ मोटिवेटेड, सेल्फ ड्रिवन और हैप्पी टीचर्स ही शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन ला सकते हैं - प्रो. सी.सी. त्रिपाठी



भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी विशिष्ट श्रेणी का दर्जा मिलने के बाद निटर भोपाल पीएचडी एवं पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम वर्तमान सत्र से ऑफर कर रहा है। इन सभी प्रोग्राम की टीचिंग लर्निंग प्रोसेस, लर्निंग बाय डूइंग, लर्निंग बाय रिसर्च, प्रोजेक्ट एवं प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग पर आधारित होगी। 

आज टीचर्स को सम्बोधित करते हुए निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हमारे यहाँ से निकलने वाला स्टूडेंट्स अपने नॉलेज के आधार पर जाना जाये न की डिग्री के आधार पर। स्टूडेंट्स की अपेक्षाओं पर खरा उतरना एक अच्छे शिक्षक की निशानी है। आज समाज में सेल्फ मोटिवेटेड, सेल्फड्रिवेन और हैप्पी टीचर्स की आवश्यकता है जो समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकें। टीचर्स को अपने कार्य एवं विषय के साथ जस्टिस करना चाहिए। उनको नए-नए प्रयोग एवं इनिशिएटिव लेना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने हमें अपार अवसर प्रदान किये हैं। रिसर्च वह हो जो डिग्री तक सीमित न रहकर उपयोगी हो। टीचर्स कागजी कार्यवाही की जगह स्टूडेंट्स की लर्निंग पर फोकस करें। एजुकेशन की फील्ड में नित नए नवाचार हो रहे हैं। हमें लीक से हटकर सोचना और करना होगा। प्रो. त्रिपाठी ने भारतीय गुरु शिष्य परम्परा एवं गुरुकुल से लेकर आज तक शिक्षा के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। 

इस अवसर पर डीन प्रो. संजय अग्रवाल, प्रो. आशीष देशपांडे, प्रो. पी के पुरोहित सहित फैकल्टी मेंबर्स एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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