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वाणिज्य अध्ययनशाला में बजट परिचर्चा आयोजित

बजट देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण है -  डॉ. जोशी

उज्जैन। आने वाला समय स्किल्ड युवाओं का है ,वही युवा विश्व प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ पाएगा जिसके पास कोई कौशल है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह बजट युवाओं एवं विद्यार्थियों को समर्पित किया है । सरकार इसी सत्र से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को कौशल बेस्ड ट्रेनिंग अनिवार्य कर रही है। जिसमें उन्हें ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।

उक्त उद्गार शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ निखिल जोशी ने वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा आयोजित बजट परिचर्चा के अवसर पर व्यक्त किये। आपने कहा कि, बजट किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण है। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत डॉ. एस. के. भारल, डॉ आशीष मेहता, डॉ.अनुभा गुप्ता, डॉ नागेश पाराशर, डॉ कायनात तवर ने किया।

स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ शैलेंद्र कुमार भारल ने देते हुए कहा कि, बजट परिचर्चा वाणिज्य के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। परिचर्चा से बजट के जटिल विषयों का विश्लेषण आसानी से हो जाता है। 

इस अवसर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट महक जैन ने वेतन भोगी कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ, शेयर मार्केट, पूंजीगत लाभ एवं रेरा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। 

परिचर्चा में वरिष्ठ अर्थशास्त्री एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण, विक्रम विश्वविद्यालय डॉ. एस. के. मिश्रा ने कहा कि, बजट सरकार का बहीखाता है। वर्तमान में देश में घरेलू विनियोग बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता एवं सुदृढ़ता आई है। 

इस अवसर पर प्रबंध अर्थशास्त्री डॉ. डी. डी. बेदिया ने बजट को दूरगामी परिणाम वाला बताया। आपने कहा कि, केंद्र सरकार के वर्तमान बजट ने विद्यार्थियों के आगे बढ़ने के द्वार खोल दिए हैं। बजट का महत्वपूर्ण उद्देश्य युवाओं को रुचि के अनुसार उनके कौशल में वृद्धि कर, स्किल्ड भारत का निर्माण करना है। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ आशीष मेहता ने किया तथा आभार डॉ नागेश पाराशर ने व्यक्त किया।

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