इनोवेशन या रचनात्मकता आज के युग की मांग है, इसके लिए किसी वस्तु या विचार का इन्वेंशन आवश्यक है, जो निरंतर शोध एवं अनुसंधान से ही संभव है – कुलगुरु प्रो पांडेय
दीक्षारंभ समारोह का समापन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में हुईं
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में 3 दिवस से संचालित दीक्षारंभ समारोह का समापन परिसंवाद और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में सम्पन्न कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा अर्चना से हुई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम में अध्यक्ष उद्बोधन देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपनी अगली पीढ़ी का स्वागत करने में गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि आज का युग इनोवेशन या रचनात्मकता का है, परंतु उसके लिए इन्वेंशन या किसी वस्तु या विचार की खोज की आवश्यकता होती है, जो निरंतर शोध एवं अनुसंधान से ही संभव हैं। उन्होंने कहा कि, विद्यार्थी निरंतर अपने कर्तव्य पथ पर अटल रह कर अपना कर्म करते रहें, सफलता स्वयं ही मिल जाएगी।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय सदैव से ही शिक्षा, शोध एवं नवाचार का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर यह दायित्व रहेगा कि वे विश्वविद्यालय की इस छवि को बरकरार रखें। अनुसन्धान मानव सभ्यता के विकास के केंद्र में रहा है। शोध एक अभिवृत्ति है, जो प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा ने सभी नव प्रवेशित विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय परिसर में स्वागत किया एवं उन्हें मंगलकामनाएं प्रेषित कीं।
विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा एवं प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर डी डी बेदिया ने विद्यार्थियों को अनुसंधान की सार्थकता एवं शोध से समाज को होने वाले फायदे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शोध सदैव समाज के लिए लाभकारी होना चाहिए। प्रोफेसर अनिल जैन ने विद्यार्थियों को सामाजिक दायित्व को समझाकर समाज के हित में कल्याणकारी कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की विद्यार्थी कुमारी भव्या चौहान द्वारा नृत्य और वाणिज्य विभाग की विद्यार्थी कुमारी अनुसंध्या मालवीय द्वारा गीत को प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग की छात्रा कुमारी श्रुति शर्मा द्वारा किया गया एवं आभार राजनीति अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर नलिनसिंह पंवार द्वारा माना गया।
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