पठन- पाठन, शोध एवं अनुसंधान शैक्षणिक संस्थानों की नींव अतः इनका पोषण संस्थानों की प्राथमिकता होना चाहिए- कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय
विक्रम विश्वविद्यालय में शीघ्र ही प्रारंभ होंगे डेयरी तकनीकी एवं वैल्यू एडिशन से संबंधित पाठ्यक्रम
उज्जैन। पिछले कुछ समय में विक्रम विश्वविद्यालय में कई शासकीय और गैर शासकीय संस्थानों के सहयोग से कई नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। इसी शृंखला में अब डेयरी तकनीकी और वैल्यू एडिशन से संबंधित और भी पाठ्यक्रम खोले जाने हैं। इसी उद्देश्य से बुधवार दिनांक 24 जुलाई 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने पशुपालन महाविद्यालय, महू के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर नरेन्द्र नायक एवं नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के संचालक डॉ आर के बघेलवाल के साथ चर्चा की।
चर्चा के उपरांत माननीय कुलगुरु जी ने बताया कि इस चर्चा का मूल उद्देश्य विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी तकनिकी एवं वैल्यू एडिशन के पाठ्यक्रम शुरू करने हेतु प्रयोगशाला एवं अन्य की जानकारी प्राप्त करने का था, उन्होंने कहा कि पठन- पाठन, शोध एवं अनुसंधान शैक्षणिक संस्थानों की नींव है अतः इनका पोषण संस्थानों की प्राथमिकता होना चाहिए। अपनी बात को बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि पशुपालन महाविद्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर शीघ्र ही विक्रम विश्वविद्यालय में भी डेयरी और वैल्यू एडिशन पाठ्यक्रम खोले जायेंगे, उन्होंने कहा कि इस पक्रिया में विक्रम विश्वविद्यालय को निरंतर और पशुपालन महाविद्यालय का सहयोग मिलता रहेगा, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इनका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अन्य महाविद्यालयों के सहयोग से शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि करना ही विश्वविद्यालयों का प्रमुख दायित्व होता हैं, उन्हें प्रसन्नता है कि विक्रम विश्वविद्यालय ऐसा करने में सफल हो पा रहा हैं।
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