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Showing posts from August, 2024

अधिवार्षिकी सेवा निवृत्ति पर कला संकायाध्यक्ष प्रो सोनल सिंह का हुआ सारस्वत सम्मान

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कला संकायाध्यक्ष प्रो सोनल सिंह का उनकी अधिवार्षिकी सेवा निवृत्ति पर सारस्वत सम्मान किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने अंग वस्त्र, श्रीफल, पुष्प गुच्छ, श्रीमद्भगवद्गीता एवं  मिष्ठान्न अर्पित कर प्रो सोनल सिंह का सारस्वत सम्मान किया।  कार्यपरिषद कक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो उमा शर्मा, प्रो डी एम कुमावत, प्रो गीता नायक, प्रो धर्मेंद्र मेहता, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, प्रो कमलेश दशोरा, प्रो अंजना पांडेय, प्रो डी डी बेदिया, प्रो सन्दीप तिवारी, डॉ सुरेंद्र सिंह तोमर आदि ने प्रो सोनल सिंह के बहुआयामी व्यक्तित्व और योगदान की चर्चा करते हुए उनके सुख और मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं अर्पित कीं।  कार्यक्रम में प्रो कामरान सुल्तान, प्रो मदनलाल जैन, डॉ क्षमाशील मिश्रा, डॉ पवनेंद्रनाथ तिवारी, डॉ द्वारिका हरदेनिया आदि सहित अनेक शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश आवेदन की तिथि दिनांक 20 सितम्बर तक बढ़ाई गई

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक/स्नातकोत्तर/प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/पी.जी. डिप्लोमा (फार्मेसी अध्ययनशाला के बी. फार्मा एवं एम. फार्मा. पाठ्यक्रम छोडकर) प्रथम वर्ष/सेमेस्टर में सीयूईटी एवं सीधे प्रवेश हेतु रिक्त सीटों पर प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश आवेदन की तिथि दिनांक 20 सितम्बर 2024 निर्धारित की गई है।  प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला/संस्थान/विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश एवं शुल्क जमा करा सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अन्तर्गत स्नातक/स्नातकोत्तर द्वितीय/तृतीय/चतुर्थ/पंचम/ षष्टम/ सप्तम/अष्टम सेमेस्टर/वर्ष के विद्यार्थी ऑनलाईन के माध्यम से अनिवार्य रूप से दिनांक 20 सितम्बर 2024 तक शुल्क जमा कर सकते हैं। इस आशय की अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई है।

कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारम्भ करना विश्वविद्यालयों का प्राथमिक दायित्व होना चाहिए - कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय एवं सोरिंग एयरोटेक प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान से विक्रम विश्वविद्यालय में ड्रोन टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा    उज्जैन। विगत कुछ वर्षों से विक्रम विश्वविद्यालय में कई नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। इसी शृंखला में विक्रम विश्वविद्यालय एवं सोरिंग एयरोटेक प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय में ड्रोन टेक्नोलॉजी का कोर्स शुरू किया जाएगा। ये पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग एवम टेक्नोलॉजी विभाग और सोरिंग एरोटेक प्राइवेट लिमिटेड भोपाल के संयुक्त प्रयास से प्रारम्भ किया जाएगा।  इस पाठ्यक्रम की औपचारिक घोषणा करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि नवीन, कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारम्भ करना विश्वविद्यालयों का प्राथमिक दायित्व होना चाहिए। उन्होंने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम आधुनिक युग का एक नवीन पाठ्यक्रम जो न सिर्फ विद्यार्थियों को लाभान्वित करेगा बल्कि उनमें एक नई ऊर्जा का संचार भी करेगा।  कार्यक्रम में सोरींग एरोटिक की ओर से  डॉ मनोजकुमार देश

सद्भावना दौड़ में पुरुष वर्ग में नरेंद्र सिंह रहे प्रथम, महिला वर्ग में दीप शिखा डाबी रहीं प्रथम

राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से हुआ सद्भावना दौड़ का आयोजन उज्जैन। राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग की ओर से सद्भावना दौड़ (महिला एवं पुरुष) का आयोजन किया गया।  पुरुष वर्ग में प्रथम नरेंद्र सिंह, द्वितीय महेश विश्वकर्मा एवं तृतीय शिवराज सिंह रहे। वहीं महिला वर्ग में दीप शिखा डाबी, द्वितीय भाग्य लक्ष्मी साहू एवं तृतीय करुणा सोलंकी रहीं। इनमें प्रथम स्थान को 2100 रुपए, द्वितीय स्थान 1500 रूपए और तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागी को 1100 रुपए के नगद पुरस्कार, ट्रॉफ़ी और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।  इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को शॉल, श्रीफल और मोमेंटो से कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, विद्यार्थी कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एस. के. मिश्रा एवं शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के निदेशक डॉ वीरेन्द्र चावरे द्वारा किया गया। कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा तथा विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चावरे द्वारा उपस्थित

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 30 अगस्त को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 30 अगस्त 2024 शुकवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक / बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे. पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

विद्यार्थियों और शिक्षकों का अकादमिक विकास हो यह विश्वविद्यालय के स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण बात है - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय और आईसेक्ट लर्न भोपाल के मध्य एम ओ यू हुआ उज्जैन। उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में विक्रम विश्वविद्यालय और आईसेक्ट लर्न भोपाल के मध्य एम ओ यू किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय ने गत कुछ समय से विद्यार्थियों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौते किए हैं।  इसी श्रृंखला में मंगलवार को विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में आईसेक्ट भोपाल और विक्रम विश्वविद्यालय के मध्य द्विपक्षीय समझौतेपर हस्ताक्षर किए गए। इस एम ओ यू के तहत आईसेक्ट भोपाल विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता से जुड़े पाठ्यक्रमों का ज्ञान देगा।  इस अवसर पर आईसेक्ट भोपाल की ओर से डॉ अनिल तिवारी, डॉ पूजा चतुर्वेदी, डॉ मनोज त्रिपाठी और कुमारी भूमिका जैन ने भाग लिया और अपनी संस्था के मूल उद्देश्यों के बारे में समझाया।  इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का सर्वांगी

वर्ष भर तिरंगे के रंग में एनआईटीटीटीआर भोपाल

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज स्थापित हे। संस्थान में लगी हुई लाइट्स भी तिरंगे के रंग की हैं। यह संस्थान वर्ष भर दिन एवं रात  में   तिरंगे के रंगों में रंगा रहता है। संस्थान के निदेशक प्रो सी सी त्रिपाठी के अनुसार यह संस्थान की एक अद्वितीय और गर्वित पहल है जो देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देती है। यह पहल देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विरासत के प्रति हर भारतीय को गर्व व सम्मान से भर देती है। यह केवल संस्थान की प्रतिष्ठा को ही नहीं बढ़ाती है बल्कि संस्थान के कर्मचारियों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देती है।  संस्थान के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज तथा तिरंगे के रंगों में रंगा कैंपस राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है, जिसे वे अपने कैमरे में तस्वीरों और विडियो के माध्यम से सहेज कर रखतें हैं । यह कार्य निटर भोपाल के पूर्व अध्यक्ष संचालक मंडल श्री सी पी शर्मा के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हुआ था।  निटर भोपाल के डीन कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स प्रो पी के पुरो

भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर मल्लखंब का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की खिलाड़ियों को रु.1,80,000  देने की घोषणा उज्जैन। उज्जैन के मल्लखंब खिलाड़ियों ने भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर शानदार प्रदर्शन किया, जिससे दर्शक अचंभित हो गए। श्री अच्युतानंद गुरु अखाड़ा और कालिदास कॉलेज मल्लखंब सेंटर के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 18 खिलाड़ियों के दल ने जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री निवास पर मल्लखंब का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से उतरकर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की और उनकी प्रशंसा की। इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने प्रत्येक खिलाड़ी को 10,000 रुपए के मान से कुल 1,80,000 रुपए देने की घोषणा की। विक्रम एवं विश्वामित्र अवार्डी डॉ. आशीष मेहता और राष्ट्रीय खिलाड़ी लीलाधर कहार के नेतृत्व में मल्लखंब दल में शुभम शर्मा, दक्ष कहार, राज तवर, शलोक गहलोत, मयंक कहार, मंथन गहलोत, तन्मय बठानिया, आयुष पटेल, शिवम कहार, सिद्धि विनायक, दयांक गोयल, विनय नाथ, अनुभव तिवारी, विराट निगम और ऋषभ कहार प्रमुख रूप से शामिल थे। दल के साथ मैनेजर मुकेश बठानिया भी

विकसित राष्ट्र के निर्माण हेतु स्टार्टअपस एवं छोटे कुटीर एवं लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा – कुलगुरु प्रो पांडेय

उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा  उज्जैन। एआईसीटीई से सम्बद्ध स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं पं. जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस मैनेजमेंट, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं सामाजिक संस्था परिवर्तन के तत्वावधान में "उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम" के अंतर्गत एक दिवसीय वर्कशॉप एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय, विशेष अतिथि कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा,  डॉ. संदीप तिवारी, निदेशक, एसओईटी, डॉ. धर्मेन्द्र मेहता, निदेशक, जेएनआईबीएम, नेहा सिंह एवं मुख्य वक्ता सामाजिक संस्था परिवर्तन के अध्यक्ष श्री एस एस नारंग थे। डॉ अखिलेश कुमार पांडेय कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आने वाले समय में विकसित राष्ट्र के निर्माण हेतु स्टार्टअपस एवं छोटे कुटीर एवं लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान

डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन अलंकरण से अलंकृत हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय

हमारे विद्यार्थी युवा आपदा में अवसर खोजें - डॉ. पाण्डेय सुमनजी व्यापक प्रबोधन के कवि हैं, उनकी रचनाओं में है आह्वान के स्वर - डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा उज्जैन। डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान एवं मालवांचल लोक कला संस्कृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मालवा लोकोत्सव एवं डॉ. सुमन अलंकरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति जी डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों को युवाओं को आपदा में अवसर खोजना चाहिए। ऐसे जीवन एवं व्यक्तित्वों को अपने जीवन का आदर्श बनाना चाहिए। सुमनजी का जीवन और व्यक्तित्व जन जन के लिए आदर्श रहा। उनकी निश्छल सरलता - सहजता उनका कृतित्व कठिनाइयों में प्रेरणा देता है। आज का युवा किस दिशा में जा रहा है। बच्चे यांत्रिक युग मे जी रहे हैं। उनकी सोचने समझने की शक्ति कम हो रही है। विचार शून्यता गहरा रही है। ऐसी विकट परिस्थिति में साहित्यकारों का दायित्व है कि हमारी पीढ़ी को दिशा बोध कराए। महाभारत संग्राम से ही गीता  प्रकट होती है। और राम रावण संघर्ष की परिणति ही रामचरित मानस है। ऐसी आपदाओं ने ही अवसरों को उत्पन्न किया है। 

भारत की संस्कृति का पुनर्जागरण कृष्ण भक्ति आंदोलन और कलाओं से हुआ – प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

कृष्ण सही अर्थों में लोकनायक हैं - श्री शुक्ल  श्री कृष्ण की लीलाओं का मर्म सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न  राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान  में अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी का विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का मर्म सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में था। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि भारत की संस्कृति का पुनर्जागरण कृष्ण भक्ति आंदोलन एवं कलाओं से हुआ। कृष्ण चरित सामाजिक समरसता को प्रतिष्ठा देता है। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप नार्वे से श्री सुरेश चंद्र शुक्ल' शरद आलोक ' ने मंतव्य देते  कहा कि कृष्ण सही अर्थों में लोकनायक हैं। उन्होंने अपनी कविता यशोदा से मैया से कहें नंदलाल चलो यमुना के तीरे, चलो यमुना के तीरे प्रस्तुत की। अध्यक्षीय भाषण में श्री प्रेमचंद गांधी, जयपुर ने कहा कि जैन धर्म के अनुसार आगामी चौवीसी में श्री कृष्ण तीर्थंकर होंगे। पूर्व शिक्षा  अधिकारी, श्री बी के शर्मा ने कहा

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