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भारत की संस्कृति का पुनर्जागरण कृष्ण भक्ति आंदोलन और कलाओं से हुआ – प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

कृष्ण सही अर्थों में लोकनायक हैं - श्री शुक्ल 

श्री कृष्ण की लीलाओं का मर्म सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न 

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान  में अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी का विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का मर्म सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में था। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि भारत की संस्कृति का पुनर्जागरण कृष्ण भक्ति आंदोलन एवं कलाओं से हुआ। कृष्ण चरित सामाजिक समरसता को प्रतिष्ठा देता है।

इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप नार्वे से श्री सुरेश चंद्र शुक्ल' शरद आलोक ' ने मंतव्य देते  कहा कि कृष्ण सही अर्थों में लोकनायक हैं। उन्होंने अपनी कविता यशोदा से मैया से कहें नंदलाल चलो यमुना के तीरे, चलो यमुना के तीरे प्रस्तुत की।

अध्यक्षीय भाषण में श्री प्रेमचंद गांधी, जयपुर ने कहा कि जैन धर्म के अनुसार आगामी चौवीसी में श्री कृष्ण तीर्थंकर होंगे। पूर्व शिक्षा  अधिकारी, श्री बी के शर्मा ने कहा कि विसंगतियों में भी संतुलन बनाए रखना कृष्ण का उद्देश्य है। डॉ जय सिंह, हिन्दी विभागाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ने कहा, पूर्ण समर्पण में भक्ति की अवधारणा उपस्थित होती है।

राष्ट्रीय सचिव, श्वेता मिश्रा ने कहा कि राधा नाम से ही कट जाते हैं संकट भारी। डॉ. शहनाज शेख, राष्ट्रीय, महासचिव पुणे, महाराष्ट्र ने कहा, कर्म और धर्म के गहनतम रसों को उजागर करता है, कृष्ण की लीला और चरित्र।

डॉ. रणजीत सिंह अरोरा, पुणे, महाराष्ट्र ने कहा कि गुरु नानक ने बताया कि श्री कृष्ण ने कर्म योग का मार्ग सिखाया है। धर्म के मार्ग पर चलने के लिए आत्म शक्ति की आवश्यकता होती है। 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद को सभी ने जन्मदिन की शुभकामनाएं एवं बधाइयां दीं।

डॉ.रश्मि चौबे, गाजियाबाद, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता ने उत्तम संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत श्री माया मेहता, मुंबई की सरस्वती वंदना से हुई।

स्वागत भाषण डॉ.प्रभु चौधरी ,कोषाध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने दिया। प्रस्तावना डॉ. शहनाज शेख, महासचिव ,राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने प्रस्तुत की। आभार प्रदर्शन डॉ. अरुणा शुक्ला ,नांदेड़ , महाराष्ट्र ने किया। कार्यक्रम में डॉ. हरिसिंह पाल, महामंत्री नागरी लिपि परिषद्, दिल्ली, डॉ. शशि निगम, प्रदेश सचिव, अरुणा सराफ, इंदौर आदि सहित गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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