विकसित राष्ट्र के निर्माण हेतु स्टार्टअपस एवं छोटे कुटीर एवं लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा – कुलगुरु प्रो पांडेय
उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा
उज्जैन। एआईसीटीई से सम्बद्ध स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं पं. जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस मैनेजमेंट, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं सामाजिक संस्था परिवर्तन के तत्वावधान में "उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम" के अंतर्गत एक दिवसीय वर्कशॉप एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय, विशेष अतिथि कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. संदीप तिवारी, निदेशक, एसओईटी, डॉ. धर्मेन्द्र मेहता, निदेशक, जेएनआईबीएम, नेहा सिंह एवं मुख्य वक्ता सामाजिक संस्था परिवर्तन के अध्यक्ष श्री एस एस नारंग थे।
डॉ अखिलेश कुमार पांडेय कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आने वाले समय में विकसित राष्ट्र के निर्माण हेतु स्टार्टअपस एवं छोटे कुटीर एवं लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा भी कई स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो यहां के विद्यार्थियों के द्वारा शुरू किया गया है। कोविड समय के कारण कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स एवं स्टार्टअप्स के नए-नए आइडिया इनोवेशन जेनरेट हुए हैं। विद्यार्थियों को अपने आइडिया एवं इन्वेंशन को प्रेक्टिकल रूप में लाकर उद्यमिता में भागीदार बनना चाहिए।
डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आने वाले समय उद्यमिता का होगा। अब काफी विद्यार्थी स्कूल एवं कॉलेज समय में ही अपने स्टार्टअप्स एवं आइडिया को नए-नए प्लेटफार्म पर लेकर जा रहे हैं। हमें सिर्फ नौकरी पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए वरन स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहिए। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें निर्यात को बढ़ाना होगा एवं आयात को कम करना होगा। हमें अपनी दूसरे देशों पर निर्भरता कम करनी होगी एवं स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण एवं उपयोग बढ़ाना होगा।
मुख्य वक्ता एस एस नारंग ने अपने व्याख्यान में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में उद्योग क्षेत्र का बढ़ता योगदान महत्वपूर्ण है। यह सिद्ध करता है कि उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम द्वारा देश के औद्योगिक विकास से भारत एक विकसित राष्ट्र एवं पुनः विश्व गुरु बनेगा । उद्यमिता देश के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह देश में नए व्यवसायों की स्थापना करने, रोजगार के अवसरों का विकास , आर्थिक विकास में योगदान, प्रौद्योगिकी में विकास एवं देश की आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है।
श्री एस एस नारंग ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसरो के बारे में युवाओं एवं विद्यार्थियों को जागरूक करना । युवाओं और विद्यार्थियों को उद्यमशीलता को वायबल करियर ऑप्शन के लिए चुनाव करने के लिए प्रेरित करना, विद्यार्थियों की सोच मैं परिवर्तन कर उद्यमशीलता के लिए मानसिक रूप से तैयार करना , सरकार द्वारा उपक्रम इंटरप्राइजेज स्थापित करने के लिए दिए जाने वाले सहयोग के बारे में जानकारी प्रदान करना। युवाओं एवं छात्रों को प्रेरित करना एवं उद्यम स्थापित करने वाले छात्रों को ई डी पी ट्रेनिंग हेतु चयनित करना है। उन्होंने कहा कि भारत कुल आयात का एक बड़ा भाग चीन से सस्ते दामों पर आयात करता है जिससे इन उत्पादों का भारत में निर्माण बंद हो गया एवं कई कुटीर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्योग बंद हो गए। उद्यमिता देश के औद्योगिक विकास के लिए कई तरीकों से काम करती है, उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार और अन्य संगठन कई कदम उठा रहे हैं, उद्यमिता कार्यक्रमों, वर्कशॉप एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, व्यवसायिक सलाहकार और मेंटोरशिप प्रदान करना, वित्तीय समर्थन और फंडिंग प्रदान करना, उद्यमिता के लिए संसाधनों और सेवाओं का प्रदान करना ।
स्वागत भाषण एसोईटी के निदेशक प्रो सन्दीप तिवारी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन अमृता शुक्ला फैकल्टी स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के द्वारा किया गया। आभार डॉ.धर्मेंद्र मेहता, निदेशक, पं.जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने दिया।
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