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Showing posts from September, 2024

हिंदी में विज्ञान एवं तकनीकी लेखन के साथ अनुवाद कार्य में गति लानी होगी – प्रो शर्मा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा पचहत्तर वर्षों में हिंदी पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था आजादी के पचहत्तर वर्षों में हिंदी :  क्या पाया, क्या खोया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा विभागाध्यक्ष, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि आज गौरव की अनुभूति होती है कि दुनिया के सौ से अधिक देशों में  हिंदी के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग के साथ कई संस्थानों में उसके पठन-पाठन की व्यवस्था है। प्रयोक्ताओं की दृष्टि से विश्व में पहला स्थान हिन्दी भाषा का है। हिंदी में विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में मौलिक लेखन और अनुसंधान कार्य के साथ अनुवाद कार्य में गति लानी होगी। हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाएँ और बोलियाँ सही अर्थों में इस राष्ट्र के व्यक्तित्व को गढ़ती हैं, उनके बीच के सम्बन्धों को मजबूत करने की आवश्यकता है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कारणों से सम्पूर्ण भारत में हिन्दी के व्यावहारिक रूप का प्रस

विश्वविद्यालय की प्राणिकी अध्ययनशाला एवं विज्ञान संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए गोल्ड मेडल की स्थापना

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा प्रतिवर्ष  प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के संस्थापक और जाने माने  वैज्ञानिक डॉक्टर हरस्वरूप एवं वैज्ञानिक  डॉक्टर आभा स्वरूप के नाम पर  स्थापित गोल्ड मेडल से विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा।  संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रोफेसर हरस्वरूप साठ के दशक के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं  शिक्षक रहे हैं। उन्होंने उस दशक में एनिमल क्लोनिंग और पॉलीप्लॉयड पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में काम किया, जिस पर आगे जा कर वर्ष 2012 में उनके सहयोगी को नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। डॉक्टर स्वरूप ने अपना पूरा जीवन जीव विज्ञान जेनेटिक्स एवं बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित शोध और अपने विद्यार्थियों के उत्थान को समर्पित किया। वे विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्राणिकी अध्ययनशाला के संस्थापक प्रोफेसर एवं जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं इंडियन नेशनल साइंस अकादमी के फेलो भी रहे। विक्रम विश्वविद्यालय  के  विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थियों को डॉक्टर हारस्वरूप सैंटनरी अवार्ड के रूप में गोल्ड मेडल हर वर्ष प्रदा

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में इंजीनियरस डे मनाया गया

उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 15  सितंबर 2024 को इंजीनियर्स डे मनाया गया। इंजीनियर्स डे  की शुरूआत मां शारदे की वंदना के साथ हुई। इसके पश्चात नेहा सिंह द्वारा कुलगान किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय विक्रम विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर संदीप तिवारी के द्वारा किया गया।  कार्यक्रम में स्वागत भाषण डायरेक्टर संदीप तिवारी द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में एक इंजीनियर की क्या भूमिका होती है एवं विद्यार्थी किस तरह अपने जीवन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को आत्मसात कर एक अच्छा कैरियर बना सकते हैं, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो। बिना इंजीनियरिंग के देश का विकास संभव नहीं है किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उस देश के इंजीनियर का बहुत बड़ा योगदान होता है। सिविल इंजीनियरिंग से देश ही नहीं वरन विश्व का विकास होता है । मैकेनिकल इंजीनियरिंग से हम विश्व को गति प्रदान करते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर देश को शक्ति देता है । इलेक्ट्रॉनिक्स

ओजोन परत के क्षय को रोकने के लिए जरूरी है विश्व पटल पर सामूहिक प्रयास

विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर पर विशेष   ✍️ प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलगुरु, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जै न धरती को सूर्य की पराबैगनी किरणों से बचाने में ओजोन परत एक अहम भूमिका निभाती है। ओजोन परत पृथ्वी की सतह से लगभग 15 और 35 किमी (9 और 22 मील) के बीच स्थित होती है। यह ओजोन अणुओं (ओ3) की अपेक्षाकृत उच्च सांद्रता युक्त ऊपरी वायुमंडल का क्षेत्र है। वायुमंडल की लगभग 90 प्रतिशत ओजोन समताप मंडल में पायी जाती है। यह सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (यूवी) विकिरण से पृथ्वी की रक्षा करती है। यूनाइटेड नेशन एनवायरमेंट प्रोग्राम (यू एन ई पी) के मुताबिक समय के साथ गुड ओजोन यानी स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन डैमेज हो रही है। यह परत पृथ्वी पर पड़ने वाली सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से सभी का बचाव करती है। ओजोन परत के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जाता है। इस साल विश्व ओजोन दिवस 2024 की थीम "मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - जलवायु कार्रवाइयों को आगे बढ़ाना है। इसकी शुरुआत से ही ओजोन परत के संरक्षण के लिए मनाया जाने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की एक थीम घोषित क

प्राचीन श्री इच्छापूर्ति गणेश मंदिर पर हुआ भव्य शृंगार, आरती और भंडारे का आयोजन

विकम विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री गणेश मंदिर में हुआ भव्य आयोजन  उज्जैन। विकम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्राणिकी अध्ययनशाला परिसर स्थित प्राचीन इच्छापूर्ति गणेश मंदिर पर श्रीगणेश जी का भव्य शृंगार, आरती और भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक, समाजसेवी, संस्कृति कर्मी, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।  इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष एडव्होकेट संजय नाहर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय के सफल चार वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर इच्छापूर्ति गणेश मंदिर समिति के सदस्यों, प्रोफेसर्स और शहर के समाजसेवियों, गणमान्य नागरिकों एवं विद्यार्थियों ने शाल, श्रीफल, माला पहनाकर उनका सम्मान किया। संजय नाहर ने स्वागत भाषण में कुलगुरु के चार वर्ष के कार्यकाल को सफल कार्यकाल बताया और कहा कि उनकी इस अद्वितीय सेवा को विश्वविद्यालय कभी भुला नहीं पायेगा। उन्होंने सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास जीतते हुए अपना कार्यकाल पूर्ण किया। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।  इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ सलिलसिंह, शैलेंद्र कलवाड़ि

हिन्दी हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है - ओ.पी. मिश्र

हिन्दी हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है - ओ.पी. मिश्र  14 सितम्बर हिन्दी दिवस    किसी भी ज्ञान को गहराई से अर्जित करना उसकी अपनी भाषा में ही संभव है। हिन्दी हमारी अपनी भाषा है, इसलिए यह हमारे सामाजिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। ज्ञानार्जन का वास्तविक आधार हिन्दी ही है, इसलिए हमें शुद्ध बोलने, लिखने और पढ़ने की आदत डालनी पड़ेगी। यह तभी संभव होगा, जब हम अंग्रेजी के मोहजाल से बाहर निकलेंगे। यह उद्गार स्वर्गीय पं. अरुणभार्गव स्मृति-हिन्दी प्रचार-प्रसार समिति रतलाम द्वारा “राष्ट्रभाषा हिन्दी के संघर्ष भरे 75 वर्ष” वार्षिक पत्रिका का विमोचन करते हुए अध्यक्षीय उद्बोधन में रंगकर्मी और शिक्षाविद श्री ओमप्रकाश मिश्र ने स्थानीय शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय के सभा गृह में हिन्दी प्रेमियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रो. प्रदीपसिंह राव ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी भारतवर्ष की एक आवश्यकता है। हिन्दी के मामले में हमें औपचारिकता से बचकर दिल से सम्मान देना चाहिए।  विशेष वक्ता के रूप में उज्जैन से पधारे हिन्दी प्रेमी डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि हिन्दी विश्व भाषा बनने की दिशा में

पूरे विश्व में है हिंदी का अस्तित्व - कुलगुरु प्रो पांडेय

अपनी भाषा से जुड़े स्वाभिमान को जागृत करने की आवश्यकता है – प्रो ढंड  भारतीय ज्ञान परम्परा की सदियों से संवाहिका है हिन्दी - प्रो शर्मा  विश्वभाषा हिंदी : भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य  पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न, अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अक्षरवार्ता का हुआ लोकार्पण  उज्जैन। हिंदी दिवस के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के सहयोग से विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला तथा ललित कला अध्ययनशाला द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी विश्वभाषा हिंदी : भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में पर अभिकेंद्रित थी। संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने की। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो राकेश ढंड, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ जफर महमूद, डॉ नीरज सारवान आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि पूर्व अप

दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीप देश सिंगापुर से पधारे विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व छात्र सचिन दुबे का हिंदी दिवस समारोह में हुआ सम्मान

उज्जैन। हिंदी सभी भाषाओं की जननी है। प्रबंध संकाय के विद्यार्थियों को स्व-कौशल विकास के साथ-साथ नई वित्तीय बैकिंग प्रवृत्तियों से खुद को परिमार्जित करना चाहिए। वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में असीमित रोजगार अवसरों का लाभ उठाकर ही वे अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सफल हो सकेंगे। यह विचार दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीप देश सिंगापुर से आए पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के तीन दशक पूर्व के छात्र और वर्तमान में जीई (जनरल इलेक्ट्रिक) में वरिष्ठ वित्तीय सेवा विशेषज्ञ, प्रबंध संचालक जीई एनर्जी फाइनेंशियल सर्विसेज, सिंगापुर, सचिन दुबे ने हिंदी दिवस समारोह में अपने अभिनंदन वक्तव्य में प्रकट किए। इस अवसर पर पूर्व छात्र और युवा उद्यमी तरुण सूर्यवंशी तथा सुश्री प्रियल जैन ने भी अपने अनुभव साझा किए। सत्र के अंत में उपस्थित विद्यार्थियों रोहित भट्ट, युवराज सिंह, दीपांशु नागपाल, अजय मीणा, सुधांशु शर्मा, तनीषा खत्री और प्रिंसी जैन ने करियर और जीवनवृत्त संबंधी प्रश्न पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। इस खूबसूरती से संजोए गए कार्यक्रम का संचालन स

हिंदी दिवस समारोह 2024 और चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, नई दिल्ली में एनआईटीटीआर भोपाल की सहभागिता

भोपाल । एनआईटीटीआर भोपाल के निदेशक और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत राजभाषा विभाग द्वारा 14 सितंबर 2024 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित हिंदी दिवस समारोह 2024 और चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में सहभागिता की। 14 सितंबर 2024 राजभाषा हिंदी की हीरक जयंती के रूप में विशेष महत्व रखता है।  इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा, "हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का अभिन्न हिस्सा है। आज हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने का संकल्प लेने का दिन है। हिंदी और सभी भारतीय भाषाएं एक-दूसरे की पूरक हैं। हिंदी को राजभाषा बनाने से भारत में एकता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिला है।" इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से राजभाषा हिंदी में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी भाग लेते हैं। सम्मेलन में विभिन्न सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हिंदी भाषा से संबंधित विषयों, हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति, प्रयोग में आने वाली चुनौ

विधायिका को अपेक्षित जानकारी तत्परता से देना शासन के प्रभावी कार्यप्रणाली का द्योतक: श्री सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल। पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा आयोजित पुलिस उप पुलिस अधीक्षक अधिकारियों को विधायी प्रक्रिया के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विधायिका सर्वोपरि है। हमारे यहाँ विधि का शासन है और विधान सभा प्रदेश की सर्वोच्च विधान बनाने वाली संस्था है। जनता द्वारा निर्वाचित इसी निकाय के माध्यम से कार्यपालिका को शासन चलाने के लिए विधान और सार्वजनिक धन उपलब्ध कराया जाता है। इस विधान और धन का सही उपयोग निर्धारित उद्देश्यों और जन कल्याण में हो रहा है या नहीं, इसका निगरानी विधायिका के सदस्य सभा में प्रश्नों, बजट और अन्य लोक महत्व के विषयों पर चर्चा के माध्यम से रखते हैं। श्री सिंह ने प्रशिक्षु अधिकारियों को विधान सभा के कार्य संचालन नियमों के तहत प्रश्न, स्थगन, ध्यानाकर्षण, लोक महत्व के विषयों पर चर्चा, और जानकारी की प्रक्रिया का व्यवहारिक उदाहरणों के साथ प्रभावी प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने यह भी उल्लेख किया कि शा

विक्रम विश्वविद्यालय में प्रेस वार्ता सम्पन्न

विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियाँ : एक संक्षिप्त विवरण उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कार्यपरिषद कक्ष में दि. 13 सितम्बर 2024, शुक्रवार, मध्याह्न 12 प्रेस वार्ता आयोजित की गई। यह प्रेस वार्ता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय के कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित की गई थी।  दिनांक 13 सितम्बर 2024, शुक्रवार को मध्याह्न 12 बजे विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में प्रेस वार्ता को कुलगुरु प्रो. पांडेय ने सम्बोधित किया। उन्होंने प्रेस वार्ता में विश्वविद्यालय की हाल के दौर की उपलब्धियां पर चर्चा के साथ ही प्रेस एवं मीडिया के सुधी जनों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रो एस के मिश्रा सम्मिलित हुए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रेस एवं मीडिया से जुड़े सुधीजन उपस्थित थे। विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियाँ : एक संक्षिप्त विवरण   डॉ अखिलेश कुमार पाण्डेय,  कुलगुरु, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन   1. नवीन संकाय की स्थापना : मध्य प्रदेश

स्मार्ट शिक्षा से स्मार्ट उद्योग की मांग को पूरा किया जा सकता है: प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में रिसर्च स्कॉलर्स और विभिन्न प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बैठक में निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि स्मार्ट शिक्षा और स्मार्ट उद्योग दोनों ही भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट शिक्षा का तात्पर्य तकनीक का उपयोग करके शिक्षा को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने से है, जबकि स्मार्ट उद्योग से तात्पर्य तकनीक के माध्यम से उद्योगों को अधिक कुशल और उत्पादक बनाने से है। इस अवसर पर रिसर्च स्कॉलर्स की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करते हुए प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि रिसर्च स्कॉलर्स को नवाचार के साथ-साथ समाज के लिए उपयोगी रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें नई प्रक्रियाओं और उत्पाद नवाचार से संबंधित रिसर्च कार्य करने चाहिए।  प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि निट्टर के निदेशक के रूप में वे रिसर्च स्कॉलर्स और विद्यार्थियों के साथ नवाचार और रिसर्च प्रोग्रेस पर निरंतर चर्चा करते रहते हैं। बैठक में स्मार्ट शिक्षा, स्मार्ट उद्योग रेडीनेस इंडेक्स, मल्टी-डिसीप्लिनरी रिसर्च, स्मार्ट मटेरियल डिज़ाइन, स्पेस टेक्नोलॉजी में एप्लीकेशन बेस्ड रिसर्च, लो कार्बन एमिशन, वैकल्पि

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