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विधायिका को अपेक्षित जानकारी तत्परता से देना शासन के प्रभावी कार्यप्रणाली का द्योतक: श्री सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏

भोपाल। पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा आयोजित पुलिस उप पुलिस अधीक्षक अधिकारियों को विधायी प्रक्रिया के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विधायिका सर्वोपरि है। हमारे यहाँ विधि का शासन है और विधान सभा प्रदेश की सर्वोच्च विधान बनाने वाली संस्था है। जनता द्वारा निर्वाचित इसी निकाय के माध्यम से कार्यपालिका को शासन चलाने के लिए विधान और सार्वजनिक धन उपलब्ध कराया जाता है। इस विधान और धन का सही उपयोग निर्धारित उद्देश्यों और जन कल्याण में हो रहा है या नहीं, इसका निगरानी विधायिका के सदस्य सभा में प्रश्नों, बजट और अन्य लोक महत्व के विषयों पर चर्चा के माध्यम से रखते हैं।

श्री सिंह ने प्रशिक्षु अधिकारियों को विधान सभा के कार्य संचालन नियमों के तहत प्रश्न, स्थगन, ध्यानाकर्षण, लोक महत्व के विषयों पर चर्चा, और जानकारी की प्रक्रिया का व्यवहारिक उदाहरणों के साथ प्रभावी प्रशिक्षण दिया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने यह भी उल्लेख किया कि शासन के विभागों को विधान सभा और समितियों को अपेक्षित जानकारी तत्परता से उपलब्ध करानी चाहिए, क्योंकि यह संबंधित विभाग की प्रभावी कार्यप्रणाली का द्योतक होता है।

संसदीय पद्धति और प्रक्रिया पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारंभ में संसदीय विद्या पीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव ने विद्यापीठ की गतिविधियों, उद्देश्यों और प्रशिक्षुओं के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भौंरी अकादमी से आए प्रशिक्षु अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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