भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में रिसर्च स्कॉलर्स और विभिन्न प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बैठक में निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि स्मार्ट शिक्षा और स्मार्ट उद्योग दोनों ही भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट शिक्षा का तात्पर्य तकनीक का उपयोग करके शिक्षा को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने से है, जबकि स्मार्ट उद्योग से तात्पर्य तकनीक के माध्यम से उद्योगों को अधिक कुशल और उत्पादक बनाने से है। इस अवसर पर रिसर्च स्कॉलर्स की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करते हुए प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि रिसर्च स्कॉलर्स को नवाचार के साथ-साथ समाज के लिए उपयोगी रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें नई प्रक्रियाओं और उत्पाद नवाचार से संबंधित रिसर्च कार्य करने चाहिए।
प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि निट्टर के निदेशक के रूप में वे रिसर्च स्कॉलर्स और विद्यार्थियों के साथ नवाचार और रिसर्च प्रोग्रेस पर निरंतर चर्चा करते रहते हैं। बैठक में स्मार्ट शिक्षा, स्मार्ट उद्योग रेडीनेस इंडेक्स, मल्टी-डिसीप्लिनरी रिसर्च, स्मार्ट मटेरियल डिज़ाइन, स्पेस टेक्नोलॉजी में एप्लीकेशन बेस्ड रिसर्च, लो कार्बन एमिशन, वैकल्पिक ऊर्जा, कृषि उत्पादन, ड्रोन टेक्नोलॉजी, बेहतर जीवन स्तर, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण, कुशल और प्रभावी सेवाएं, नवाचार और रोजगार के अवसर, सामाजिक और आर्थिक विकास, और स्मार्ट सोसाइटी जैसे क्षेत्रों की रिसर्च समस्याओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर निट्टर के डीन प्रो. आशीष देशपांडे, प्रो. पी.के. पुरोहित, प्रो. पराग दुबे, प्रो. दीपक सिंह सहित फैकल्टी मेंबर्स, रिसर्च स्कॉलर्स और स्टाफ मेंबर्स उपस्थित थे।
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