विद्यार्थी अपने विषय के दायरे तो बढ़ाए एक जगह तक सीमित न रहें और संभावनाएं खोजते रहें -प्रो सुरेंद्र सिंह
विक्रम विश्वविद्यालय की प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में सोमवार, दिनांक 23 सितंबर 2024 को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉक्टर सुरेंद्र सिंह द्वारा ऐलगल बायोटेक्नोलॉजी विषय पर विशिष्ट व्याख्यान दिया गया।
इस अवसर पर प्राणिकी, जैव प्रौद्योगिकी और फॉरेंसिक साइंस विषय के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉक्टर सिंह ने बताया कि ऐलगी से कई प्रकार के कॉस्मेटिक बनाए जा सकते हैं, जो स्किन के उपयोग हेतु उत्तम होते हैं। उन्होंने कुछ विशेष ऐलगी को प्रोटीन का उत्तम स्रोत माना गया हैं और उससे कई प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने आप को एक दायरे में सीमित न रखें, अपना दायरा बढ़ाए, आपने आप को विषय विशेष की सीमा से ऊपर उठाएँ और अपने विषय में शोध एवं अनुसंधान की संभावनाएं खोजते रहें।
इस अवसर में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रोफेसर सिंह एक जाने-माने सूक्ष्म वैज्ञानिक हैं जिन्होंने ऐलगल बायोटेक्नोलॉजी के विषय पर काफी योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों से जुड़े रहना विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक होता हैं, इससे ज्ञान में वृद्धि होती हैं। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं फॉरेंसिक साइंस अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ गणपत अहिरवार ने प्रोफेसर सिंह का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान आगे भी होते रहेंगे।
इस अवसर पर प्राणिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थी उपस्थित थे। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने दी।
Comments