विद्यार्थियों को अपने मन में जिज्ञासा को जीवित रखना चाहिए, बोल मीठा रखना चाहिए, मन में दृढ़ संकल्प और दिमाग में शांति रहनी चाहिए - डॉक्टर त्रिवेदी
विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान अध्ययनशाला में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की वनस्पति विज्ञान अध्ययनशाला में वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों के लिए जयपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के प्रोफेसर आर पी सी त्रिवेदी द्वारा जैव प्रौद्योगिकी की उपयोगिता विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा कि जैव विविधता से समाज का उत्थान संभव हैं। जैव विविधता वास्तव में जीव विज्ञान पर तकनीक का उपयोग है जिससे मानव जाति के लिए कुछ उपयोगी बनाया जा सके। जैव विविधता मानव समाज के लिए एक वरदान हैं। इससे समाज में बड़े स्तर पर सुधार किया जा सकता है, ये कई बड़ी बीमारियों से लड़ने और और कृषि के क्षेत्र में वृद्धि में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी संसार में वैज्ञानिक वृत्ति लाने में सहायक रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वह विद्यार्थियों को अपने मन में जिज्ञासा को जीवित रखना चाहिए, बोल मीठा रखना चाहिए, मन में दृदसंकल्प और दिमाग में शांति रहनी चाहिए तभी वे लक्ष्य निर्धारित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारित करें, तभी जीवन में आगे बढ़ पाएंगे।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि विषय की बारीकियों को समझने के लिए ये आवश्यक है कि विद्यार्थी विषय विशेषज्ञ के संपर्क में आएँ इससे विद्यार्थी लाभान्वित हो सकेंगे।
इस अवसर पर वनस्पति अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डी एम कुमावत एवं प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने डॉक्टर त्रिवेदी को धन्यवाद दिया। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने दी।
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