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सतत और समावेशी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में विधायिका की महत्वपूर्ण भूमिका : श्री तोमर

विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर 10 वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के भारत क्षेत्र सम्मेलन में शामिल हुए 

भाेपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार, 23 सितंबर 2024 को संसद भवन, नई दिल्ली में आयोजित 10वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के भारत क्षेत्र सम्मेलन में सहभागिता की और 'सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में विधायिका की भूमिका' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन की अध्यक्षता माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने की। 

राज्यसभा के उपसभापति श्री हरवंश, राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष एवं विधानसभाओं के प्रमुख सचिवगण भी उपस्थित थे। सम्मेलन में मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव श्री ए.पी. सिंह एवं अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे। 

सम्मेलन में अपने विचार रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि, संसद और विधानसभा लोकतांत्रिक व्यवस्था के आधार हैं। इसके साथ ही पंचायती राज संस्थाएं भी लोकतंत्र की बुनियाद रखती हैं। लेकिन पंचायती राज संस्थाएं भी संसद और विधानसभा के द्वारा बनाएं अधिनियमों से ही संचालित होती है। इसलिए लोकतंत्र का प्रकाश ऊपर से नीचे की ओर ही जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि, सतत व समावेशी विकास से लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विधायिका की भूमिका बहुत ही सकारात्मक और सशक्त होना चाहिए। इससे राष्ट्र को लाभ मिलेगा। 

श्री तोमर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत अग्रणी देश है और हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सभी राज्य सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने−अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं। संसद और विधानसभाओं की अपनी−अपनी भूमिका है, और दोनों लोकतंत्र को सशक्त करने का कार्य करती हैं। हमारी विधायिका ने सतत विकास लक्ष्यों को सदैव प्राथमिकता दी है। 

श्री तोमर ने कहा कि, संसद द्वारा जम्मू−कश्मीर से धारा 370 हटाने के फलस्वरूप वहां अनुसूचित जाति−जनजाति को आरक्षण का लाभ प्राप्त हुआ है। इसी तरह संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। 


विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि, मध्यप्रदेश विधानसभा देश की पहली विधानसभा है जिसने बलात्कार के दोषी को फांसी की सजा देने के लिए कानून में प्रावधान करने के साथ ही ऐसे मामलों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने की व्यवस्था की है। 

श्री तोमर ने कहा कि, 2047 तक हमें यदि विकसित भारत बनाना है तो सभी राज्यों की विधायिकाओं को भी सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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